गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल बीजेपी में शामि
कांग्रेस छोड़कर आए हार्दिक पटेल अब बनेंगे नरेंद्र मोदी के सिपाही।
28 वर्षीय पूर्व कांग्रेसी हार्दिक पटेल अब नया अध्याय लिखने बीजेपी की शरण में आए हैं।
2015 में गुजरात के पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चा में आए हार्दिक पटेल बीजेपी के धुर विरोधी रहे हैं।
आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में दस लोगों की जान गई। जन संपत्ति और वाहनों को भारी नुक्सान हुआ था। आंदोलन में हिंसा भड़काने के लिए हार्दिक पटेल को कोर्ट से सजा हुई है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर सटे लगा रखा है। लंबे समय तक जेल में रहे हार्दिक पटेल अभी जमानत पर हैं।
हार्दिक पटेल ने 2019 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली और उन्हें गुजरात का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
दो हफ्ते पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से किनारा कर लिया था और राजस्थान चिंतन शिविर में अनुपस्थित रहकर कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया था।
इस साल के आखिरी में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल की बीजेपी में एंट्री वोट बैंक पुख्ता करने के तहद हुई है।
गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल, पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने हार्दिक को बीजेपी ज्वाइन करायी लेकिन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल इस आयोजन में शामिल नहीं हुए।
हार्दिक पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रसेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूंगा।
गुजरात सरकार ने कुछ दिनों पहले हार्दिक पटेल पर दायर वाद वापस करने शुरू किए हैं।
गंभीर मामलों में दोषी करार हार्दिक पटेल गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने में कानूनन अयोग्य हैं।
बीजेपी ने आगामी चुनाव में पाटीदार व अन्य समाज के वोट विभाजित न होने के लिए तमाम रणनीति तैयार की हैं।
पदचिह्न टाइम्स।