सिद्धपीठ माँ मानिला देवी परिसर का खीमानंद बलोदी हैल्थ कैंप – मानवता सर्वोपरि !
स्वर्गीय खीमानंद बलोदी मैमोरियल चैरिटेबल सोसायटी के स्वास्थ्य शिविर में दिल्ली से पहुंची चिकित्सा टीम।
सिद्धपीठ माँ मानिला देवी परिसर का खीमानंद बलोदी हैल्थ कैंप – मानवता सर्वोपरि !
स्वर्गीय खीमानंद बलोदी मैमोरियल चैरिटेबल सोसायटी के स्वास्थ्य शिविर में दिल्ली से पहुंची चिकित्सा टीम।
भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर हर प्रदेश में अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना हुई है लेकिन चिकित्सकों के अभाव में अधिकतर स्वास्थ्य केंद्र शो – पीस बने हुए हैं।
प्रदेश में स्वीकृत पदों के सापेक्ष कई स्थानों पर आधे से भी कम चिकित्सक उपलब्ध हैं। भारी भरकम पैकेज की मांग के कारण विशेषज्ञ चिकित्सकों को रखना भी एक बड़ी चुनौती है।
पर्वतीय क्षेत्रों में आपात स्थिति के लिए हेली एंबुलेंस अभी एक सपना बना हुआ है। प्रदेश सरकार अब केंद्रीय बजट आने की बाट जोह रही हैं – आगामी बजट में केंद्र सरकार ऐसे प्रावधान करेगी, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य दिक्कतें दूर हो सकेगी।
उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छुपी नही है – राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों के सैकड़ों पद खाली है ।
पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं फार्मासिस्ट या वार्ड बॉय के सहारे पर हैं । जहां डाक्टर हैं – वहां अस्पताल में दवाइयों का टोटा है ।
एक आंकड़े के अनुसार राज्य में लगभग 862 डॉक्टरों की कमी है। जबकि राज्य में डॉक्टरों के कुल 2735 पद सृजित हैं – जिनके सापेक्ष 2000 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं ।
राज्य में सबसे अधिक टोटा विशेषज्ञ डॉक्टर्स का है – कुल 650 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद रिक्त हैं।
यह सब चिन्तनीय है – ऐसे में कुछ कल्याणकारी सोच रखने वाले समाजसेवियों की संस्था “श्री खीमानन्द बलोदी मेमोरियल चैरिटेबल सोसाइटी” के स्वास्थ्य शिविर में मुझे सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
इस संस्था की स्थापना वर्ष 2011 में हुई – एक आम आदमी की निस्वार्थ सेवा से शुरू होकर अब यह सोसायटी सामूहिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के संगठन के रूप मे विकसित हो रही है।
सभी सेवा कार्य “मानवता सर्वोपरि” के स्वर्गीय श्री खेमा नन्द बलोदी जी के सिद्धांतों को मूल मंत्र मानकर सोसायटी प्रसार करती है।
विगत 18 नबंवर 2021 की प्रातः बेला में हमारी टीम डॉ शैलेंद्र(सीनियर स्पेशलिस्ट फिजिशियन), डॉ धीरज(दंत चिकित्सा), डॉ अभिनव गुप्ता(कान, नाक, गला विशेषज्ञ), डॉ दीपांकर(दंत चिकित्सा), डॉ गौरव बलोदी(दंत चिकित्सा), संतोष (ई सी जी तकनीशियन), सुनील सरकनिया (रुधिर जाँच विशेषज्ञ) एवं दृष्टि विज्ञानी क्रमशः सुबोध कुमार खंडूरी, गौतम राजोरिया, हरीश चंद्र बलोदी और मैं (राहुल उपाध्याय) दिल्ली से सुदूर मानिला क्षेत्र के लिए रवाना हुए।
आदि शक्ति माँ मानिला देवी मंदिर परिसर पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया – जिसमें नेत्र, कान, नाक, गला, दाँत, ह्रदय, छाती एवं रक्त रोग से संबंधित टेस्ट एवं उपचार निःशुल्क उपलब्ध रहे।
दवाएं, चश्मे, का वितरण भी निःशुल्क हुआ। दोपहर बाद माँ मानिला देवी के प्रसाद में भंडारे का आयोजन भी किया गया।
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिये भी मरीजों को पंजीकृत किया गया। आसपास गांवों से उमड़ी भीड़ नियंत्रण कर स्थानीय लोगों ने पूरी कोविड सावधानी बरती ।
अगले दिन दोपहर 3 बजे तक स्वास्थ्य शिविर सम्पन्न हुआ। इसके बाद सोसाइटी के पदाधिकारियों द्वारा दिल्ली से आई हमारी टीम और स्थानीय मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सहयोगी सदस्यों ने सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर आयोजन को यादगार बना दिया।
इसी प्रकार दूरस्थ एवं स्वास्थ्य की आधारभूत सुविधाओं से वंचित अन्य समाज की सेवा करने का संकल्प लिया गया।
सोसाइटी के अध्यक्ष हरीश चंद्र बलोदी ने कहा – छोटे बच्चों एवं महिलाओं के चिकित्सकों को भी आगे आयोजित होने वाले स्वास्थ्य शिविरों में शामिल किया जाएगा । इसके बाद में सभी स्थानीय लोगों, सहयोगियों, प्रतिभागियों व साथियों का आभार ज्ञापित किया गया।
यह खुशनुमा माहौल एक सपने की तरह पलक झपकते समाप्त हो गया और अगले दिन हम फिर अपने कंक्रीट के जंगल में मशीनी मानव बनने लौट आए।
– राहुल उपाध्याय।
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