बेमौसमी बरसात ने लील लिए नेपाल में 200 लोगों के प्राण !
जलवायु परिवर्तन ने हिमालय क्षेत्र में दिखाना शुरू किया - बाढ़ और भूमि धसाव का तांडव।
बेमौसमी बरसात ने लील लिए नेपाल में 200 लोगों के प्राण !
जलवायु परिवर्तन ने हिमालय क्षेत्र में दिखाना शुरू किया – बाढ़ और भूमि धसाव का तांडव।
पर्यावरण और भूगर्भ विद्वानों की चेतावनी अब सच साबित होने लगी है।
उत्तराखंड से सटे देश नेपाल में बेमौसमी बरसात ने 214 से अधिक जान ली हैं। अचानक बहुत
अधिक बारिश होने से बाढ़ और भूमि धसाव की घटनाओं में लोगों को प्राण गवाने पड़े हैं।
विगत तीन दिन की निरंतर बारिश से पूरे नेपाल में अफरा तफरी का माहौल बन गया।
लगभग सौ घायल नागरिक अस्पताल में भर्ती किये गए और 40 से अधिक लापता बताये
जा रहें हैं। 4500 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया है।
आपदा राहत में जुड़ी नेपाल की एजेंसिओं को बसों , वाहनों और मलबे में काठमांडू के समीप
इलाकों में दर्जनों शव बरामद हुए हैं। बागमती नदी का जल स्तर खतरे से ऊपर बह रहा है।
मानसून बारिश का अंतराल बढ़ने का कारण वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन बता रहें हैं।
नेपाल के हाइड्रो प्रोजेक्ट, सड़कें – पुल , भवन बाढ़ की चपेट में हैं। नेपाल का जनजीवन तीन
दिन की लगातार बारिश ने ठप किया है। फलस्वरूप भोजन, पानी , सब्ज़ी , दूध की किल्लत
होने लगी है।
हेल्थ डिपार्टमेंट आपदा बिमारियों को लेकर सजग हुआ है। नेपाल सरकार ने इमरजेंसी नंबर
भी जारी किये हैं।
पर्यावरण और भूगर्भ विद्वानों ने सलाह दी है कि पूरे एशिया में बाढ़ और बरसात के बढ़ते वेग को देखते
हुए , ड्रेनेज सिस्टम , बाढ़ का पानी समाने के लिए क्षेत्र व्यवस्था और निर्माण कार्यों में प्लानिंग
करना जरुरी हो गया है।
पदचिह्न टाइम्स।