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अपराधी पकड़ो या फिर पीड़ित को हर्जाना भरो – मद्रास हाई कोर्ट !

वरिष्ठ नागरिकों के साथ बढ़ते ठगी के अपराध पर सरकार नागरिक को सुरक्षा मुआवजा दे। 

अपराधी पकड़ो या फिर पीड़ित को हर्जाना भरो – मद्रास हाई कोर्ट !

वरिष्ठ नागरिकों के साथ बढ़ते ठगी के अपराध पर सरकार नागरिक को सुरक्षा मुआवजा दे।

 

मद्रास हाई कोर्ट ने अपने विशिष्ट फैसले में वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता

के अनुरूप 5  लाख का मुआवजा तय किया है।

हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि सार्वजानिक स्थलों ए टी एम , हॉस्पिटल , बैंक और बाजार में सीनियर सिटीजन

आसानी से ठगी के शिकार होकर अपना बहुमूल्य धन गँवा रहें हैं।  सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा कर वसूली

कराये या असफल रहने पर मुआवजा दे।

जस्टिस डी बी चक्रवर्ती ने 68 वर्षीय महिला श्रीमती पी कृष्णावेनि के मामले में यह निर्णय सुनाया है – त्रिवल्लूर नगर

पुलिस को 2018 में पीड़ित वरिष्ठ नागरिक महिला ने मामला दर्ज कराया था -सड़क पार कराने के नाम पुलिस भेष

में  ठगों ने उनके गहने ठग लिए थे। उन्हें कहा गया कि अपने गहने उतार कर बैग में रख लें अन्यथा अपराधी

गहने लूट सकते हैं।

COURTESY SOCIAL MEDIA

पुलिस आजतक  इस मामले को सुलझा नहीं पाई और मामले को दाखिल दफ्तर कर दिया।

पीड़िता ने अपनी उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देकर पुलिस को मामला खोलने का आदेश जारी करने का अनुरोध

किया था।

मद्रास हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस ठगों को पकड़ कर पीड़िता के गहने लोटाये या नुक्सान

हुए जेवर का 30 प्रतिशत या 5 लाख जो भी कम हो कि प्रतिपूर्ति वरिष्ठ नागरिक महिला को करे।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 396 के तहद पीड़ित प्रतिपूर्ति योजना का लाभ वरिष्ठ नागरिकों  को दिया जाना 

जरुरी है।  आजकल वरिष्ठ नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने के स्कैम चल रहें हैं क्योंकि उनकी मानसिक और 

शारीरिक अवस्था के चलते यह सहज होता है। 

जस्टिस महोदय ने त्रिवल्लूर जिला लीगल सर्विस अथॉरिटी को निर्देश दिया है कि 12 सप्ताह के भीतर पीड़ित

को ड्राफ्ट बनाकर घर पर मुआवजा दिलाया जाये यदि  भविष्य में पुलिस अपराधियों को पकड़ लेती है तो पीड़ित

यह राशि वापस करेगी।

पदचिह्न टाइम्स।

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