यूक्रेन युद्ध में भारतीय छात्र की मौत और सरकार धर्म संकट में !
कर्नाटक के 21 वर्षीय मेडिकल छात्र रूस के आक्रमण का शिकार बना।
यूक्रेन युद्ध में भारतीय छात्र की मौत और सरकार धर्म संकट में !
कर्नाटक के 21 वर्षीय मेडिकल छात्र रूस के आक्रमण का शिकार बना।
सरकार यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने की योजना को तेजी दे रही है और प्रधानमंत्री ने दूसरी बैठक आयोजित की है।
उधर कर्नाटक का 21 वर्षीय मेडिकल शिक्षा का छात्र यूक्रेन – रूस युद्ध मे जान गवां बैठा है।
यूक्रेन में शिक्षा पा रहे भारत के 20 हजार से अधिक छात्र युद्ध की वीभिषिका को झेल रहे हैं।
छात्र और अभिभावक सरकार की लेट लतीफी को अब जानलेवा मान रहे हैं। बंकरों में शरण लिए छात्र – छात्राओं के वीडियो जानबचाने की गुहार लगा रहे हैं।
बार्डर से आठ सौ किमी दूर छात्रों के पास दूसरे देश में शरणार्थी बनकर पहुंचने के साधन भी नहीं हैं।
युद्ध में प्राण गंवाने वाला भारतीय छात्र नवीन ज्ञानगोदार भोजन खरीदते हुए रूस के हमले का शिकार हुआ है। यूएनओ रक्षा परिषद की बैठक में रूस के खिलाफ प्रस्ताव में भारत जानबूझकर अनुपस्थित रहा है।
अब रूस के युद्ध में भारतीय नागरिक की मौत के बाद हमारा स्टैंड क्या रहेगा ? क्या भारत भी रूस पर युद्ध रोकने के लिए पाबंदियां घोषित करेगा और सयुंक्त राष्ट्र संघ में रूस के खिलाफ वोटिंग करेगा या भारतीय छात्रों की सुरक्षा का मामला टालमटोल में उलझने वाला है।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन ने भारतीय मेडिकल छात्र की मौत पर संवेदना प्रकट की है और हर संभव सहायता का वादा किया है।
यूक्रेन में दूतावास अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर कीव छोड़कर पोलेंड, रोमानिया व हंगरी में शरण लेने का संदेश दिया है ताकि उन्हें युद्ध से बाहर लाया जा सके। अभी वहां 8 हजार छात्र फंसे होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
पदचिह्न टाइम्स।