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श्री  केदारनाथ स्तुति में लीन  मुख्य पुजारी वागीश लिंगाचार्य के दो दशक !

जून 2013 केदारनाथ आपदा - हिमालय सुनामी की उथल -पुथल के बाद अब नव निर्माण के भी साक्षी । 

श्री  केदारनाथ स्तुति में लीन  मुख्य पुजारी वागीश लिंगाचार्य के दो दशक !

जून 2013 केदारनाथ आपदा – हिमालय सुनामी की उथल -पुथल के बाद अब नव निर्माण के भी साक्षी ।

 

आदि शंकराचार्य द्वारा आठवीं सदी में  स्थापित श्री केदारनाथ मंदिर की पूजा – अर्चना का दायित्व कर्नाटक के वीर शैव

लिंगायत संप्रदाय के पास है।

PRIEST VAGEESH LINGACHARYA IN MADHMAHESWAR DHAM IN 2007

भगवान शिव की पंच केदार गद्दी श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थापित है।

भैया दूज – यम द्वितीया पर्व 23 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल में  बंद हो जायेंगे और अगले छह माह

तक फिर श्री केदारनाथ जी की पूजा पूरे विधि विधान से ऊखीमठ में की जाएगी।

श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा पांच पुजारी बारी – बारी से श्री केदारनाथ , श्री मदमहेश्वर , श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ

गुप्तकाशी , और एक रिज़र्व व्यवस्था की जाती है।

इस बार मई 2025 से श्री केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी वागीश लिंगाचार्य जी हैं।  जून 2013 की आपदा (जिसे हिमालय सुनामी भी

कहा गया है ) के समय भी मुख्य पुजारी वागीश लिंगाचार्य जी रहे और श्री केदारधाम में प्रलय के साक्षी बने। तब श्री केदार

की उत्सव मूर्ति और श्रृंगार रत्नों की सुरक्षा  पुजारी वागीश लिंगाचार्य जी ने प्राणों की बाज़ी लगा कर की है। अब श्री केदारनाथ

धाम का नव निर्माण गतिमान है और प्रलय के दंश मिटते जा रहें हैं।

वर्ष 2007 में वागीश लिंगाचार्य जी दूजे केदार  श्री मदमहेश्वर की पूजा – अर्चना का दायित्व संभाल रहे थे। उस साल  अत्यधिक

वर्षा के कारण मार्ग अवरूद्ध होने से गिने – चुने शिव भक्त ही श्री मदमहेश्वर धाम पहुंच पाए – इन में प्रमुख बीजेपी के

पूर्व राष्ट्रिय संगठन मंत्री संजय भाई जोशी , बीजेपी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय मोहन सिंह रावत ग्रामवासी जी रहे हैं ।

श्री मदमहेश्वर धाम में सोलर लाइट -सौर ऊर्जा के लिए भी पुजारी जी ने विशेष प्रयास किये। श्री मदमहेश्वर धाम में

शिव लिंग पर मंत्रोचारण कर जलाभिषेक भक्तों की और से पुजारी जी ही कराते हैं।

केदार धाम के मुख्य पुजारी वागीश लिंगाचार्य जी मूलता कर्नाटक के देवनगिरि जनपद के हैं।

16  जून 2013 की आपदा को भगवान शिव का आदेश मानते हैं – तब उनका बेटा 4 साल और बेटी 2 साल की थी।

मुख्य पुजारी वागीश लिंगाचार्य जी 22 सालों से प्रभु  श्री केदारनाथ जी चरणों में सेवारत हैं और गढ़वाल  हिमालय की

तमाम विषमताओं को सहन करते हुए शिव वंदना में लीन रहते हैं।

 

  • भूपत सिंह बिष्ट, श्री केदार नाथ धाम से लौट कर।

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