मिंजर मेला चंबा की भव्यता में खजियार प्रवेश शुल्क बेलगाम वसूली !
बिना बोर्ड लगाए - खजियार इको टूरिज्म सोसायटी के नाम पर चल रहा खेल।
मिंजर मेला चंबा की भव्यता में खजियार प्रवेश शुल्क की बेलगाम वसूली !
बिना बोर्ड लगाए खजियार इको टूरिज्म सोसायटी के नाम पर चल रहा खेल।
मिंजर मुबारक – अंतर – राष्ट्रीय मेले की रौनक इन दिनों चम्बा में धूम मचा रही है। मिंजर मेले का शुभारंभ 24 जुलाई को महामहिम राज्यपाल ने किया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 31 जुलाई को मिंजर मेले समापन समारोह के मुख्य अतिथि हैं।
आठ दिवसीय पारम्परिक मिंजर मेले में युवाओं के बीच हाकी, फुटबाल, खो-खो, क्रिकेट, बालीबाल की खेल प्रतियोगितायें और सांस्कृतिक संध्या में देश – प्रदेश के नामी कलाकार जलवा बिखेर रहे हैं।
बच्चों के लिए झूले, राजकीय विभागों के स्टाल, खानपान और दैनिक उपयोग सामग्री का बिजनेस करने प्रदेश के बाहर के व्यापारी पहुंचे हुए हैं।
इस मेले में पहुंचने वाले यात्री चंबा के निकट टूरिस्ट स्थल भरमौर व खजियार में पहुंचते हैं।
खजियार में इको टूरिज्म सोसायटी बिना अपना बोर्ड लगाये डलहौजी – खजियार – चम्बा मार्ग पर आने जाने वाले हर वाहन से एक सौ रूपये एंट्री फीस वसूल रहे हैं।
वन विभाग ने इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों से वसूली के लिए ठेकेदार नियुक्त कर अपनी जिम्मेदारी से हाथ झाड़ लिए हैं।
लक्कड़ मंडी में डलहौजी से और खजियार के पास चंबा से आने वाले वाहनों से वसूली की जा रही है।
शुल्क की राशि, सैंचुरी में रूकने की समय सीमा के बाबत कोई बोर्ड नहीं लगे हैं।
रशीद बुक में ठेकेदार के कारिंदे गाड़ी का नंबर तक लिखने को तैयार नहीं हैं – रशीद के पीछे गोल मोल भाषा में आठ नियम लिखें हैं।
शिकायत करने के लिए मोबाइल नंबर व अधिकारी के नाम गायब हैं।
इन का सार यह है कि शुल्क वसूली कालाटोप – खजियार वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी की साफ सफाई और प्रबंधन के लिए है।
सड़क, यात्री और वाहन की सुरक्षा व जिम्मेदारी विभाग की नहीं है।
खजियार झील की हालत बड़ी दारूण है। झील के इर्द गिर्द वन विभाग के सामने बुग्याल में दर्जनों पशु गंदगी फैला रहे हैं।
पर्यटकों को साफ सफाई का पाठ पढ़ाने वाले खजियार की बदहाली से आंख मूंदकर बैठे हैं।
पर्यटन व्यवसाय में अग्रणी हिमाचल में वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही प्रदेश की छवि खराब कर रही है।
— भूपत सिंह बिष्ट