उत्तराखंड स्थापना दिवस – दून पुस्तकालय ने कराया स्वतंत्रता पूर्व पत्रकारिता का सिंहावलोकन !
उत्तराखंड की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व प्रशासनिक पहलुओं का प्रदर्शनी में सार्थक विवरण।

उत्तराखंड स्थापना दिवस !
दून पुस्तकालय ने कराया स्वतंत्रता पूर्व पत्रकारिता का सिंहावलोकन !
उत्तराखंड की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व प्रशासनिक पहलुओं का प्रदर्शनी में सार्थक विवरण।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उत्तराखंड आंदोलन की घटनाओं पर केंद्रित एक प्रदर्शनी का आयोजन होटल इंद्रलोक में किया है।
पद्मश्री व साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लीलाधर जगूड़ी ने इस प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया।
लीलाधर जगूड़ी ने प्रदर्शनी को समाज में ज्ञानार्जन तथा प्रेरणा के तौर पर युवा पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण बताया।
यह प्रदर्शनी आम दर्शकों के लिए 30 नवम्बर 2022 तक होटल इन्द्रलोक की आर्ट गैलरी में प्रतिदिन निशुल्क रूप से खुली है।
प्रदर्शनी की अवधारणा व निर्देशन सुरजीत किशोर दास पूर्व मुख्य सचिव द्वारा किया गया है।
इतिहासकार डॉ योगेश धस्माना तथा संगीत सिनेमा व कला के जानकार श्री निकोलस हॉफलैण्ड ने प्रदर्शनी में गढ़वाल और कुमाऊ के समाचार पत्रों के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तराखंड की भूमिका को उपलब्ध कराया है।
प्रदर्शनी में अल्मोड़ा अखबार (1870), गढवाली (1905). पुरुषार्थ(1917) विशालकीर्ति (1913) शक्ति (1918), क्षेत्रीय वीर (1920) तरुण कुमाऊ (1923) तथा अन्य समाचार पत्रों की सामग्री है।
उत्तराखण्ड में उन्नीसवीं सदी के अन्तिम दशकों से लेकर बीसवी सदी प्रारंभिक पांच दशकों तक जनजागरण सामाजिक संस्थाओं के विकास से सामाजिक चेतना और 1930 से 1949 तक टिहरी रियासत के भारतीय गणराज्य में विलय तक राजनीतिक चेतना और घटनाओं पर प्रलेखित सामग्री का परिदृश्य इस प्रदर्शनी में उपलब्ध है।
यह प्रदर्शनी उन अनेक भूली बिसरी महिलाओं और महापुरुषों को भी जानने का अवसर देती है, जिन्होंने देश प्रेम के खातिर औपनिवेशिक प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाकर अपनी जान की बाजी तक लगानी पड़ी।
प्रो. ए. एन. पुरोहित, कला केंद्र के श्री कर्नल दुग्गल, कुसुम नौटियाल, मुनिराम सकलानी, मुकेश नौटियाल, जय सिंह रावत, सहित दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के युवा पाठक कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सलाहकार प्रो.बी. के जोशी व निदेशक एन.रवि शंकर का समुचित मार्गदर्शन व सहयोग कार्यक्रम को मिला है।
कार्यक्रम संचालन निकोलस होफलैण्ड तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने दिया।
पदचिह्न टाइम्स।