बैंक लाकर चाहिए तो अब नए नियम जानिए !
बैंक लाकर की पूरी सुरक्षा करें या सौ गुना क्षतिपूर्ति दे।
बैंक लाकर चाहिए तो अब नए नियम जानिए !
बैंक लाकर की पूरी सुरक्षा करें या सौ गुना क्षतिपूर्ति दे।
— संदीप एम खानवलकर, पूर्व- मुख्य प्रबंधक।
बैंक में लाकर लेना आज आम जरूरत में शामिल है। अक्सर जब हम हम लाकर की पूछताछ करने अपने बैंक में जाते हैं तो लाकर खाली नहीं है, यह जानकारी मिलती है।
इसी तरह हमारा हमेशा संशय बना रहता है कि लाकर में रखे हमारे बहुमूल्य सामान कागजात, जेवर आदि सुरक्षित हैं या नहीं।
ऐसी अनेक जिज्ञासाओं, कोर्ट मामले और घटनाओं का संज्ञान लेकर अब रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने भारत के सभी बैंकों को नए दिशा – निर्देश जारी किए हैं और ये आदेश एक जनवरी 2022 से प्रभावी हो जायेंगे ।
1. यह बैंकों की पूर्ण जिम्मेदारी है कि लाकर परिसर के सुरक्षा उपाय हमेशा चाक चौबंद रहें ताकि लाकर कैबिनेट किसी भी हालात में आग, चोरी, डाका, बिल्डिंग ध्वस्त होने जैसी घटनाओं का शिकार न बने।
यदि ऐसी किसी घटना से लाकर धारक की वस्तु को क्षति पहुंचती है तो बैंक को लाकर के वार्षिक किराये का एक सौ गुना तक भरपाई या क्षतिपूर्ति करनी पड़ेगी।
2. भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि नैसर्गिक आपदा या लाकर धारक की लापरवाही से हुए नुक्सान की बैंक भरपायी नहीं करेंगे।
3. अब लाकर धारकों को बैंक से नया एग्रीमेंट फार्म भरना है ताकि उन्हें बैंक से मुआवजा वसूलने में आसानी रहे।
बैंकों को निर्देश है कि अतिशीघ्र लाकर धारकों से नया एग्रीमेंट फार्म भरा लें और यह काम एक जनवरी 2023 तक बैंकों को पूरा कराना है।
4. अब लाकर धारक जब भी अपने लाकर को खोलने बैंक में आयेंगे – उसी दिन बैंक कार्य समाप्ति पर ग्राहक के फोन पर एसएमएस या ई मेल द्वारा लाकर परिचालन की सूचना देने की बाध्यता बैंक की होगी यानि हर बार लाकर आपरेट करने पर बैंक आप को सूचना देगा।
इस कदम से लाकर धारकों की यह शंका दूर हो जायेगी कि बैंकवाले या अन्य कोई उन के लाकर को उन के पीठ पीछे खोल सकता है।
5. अब सभी बैंक अपने सिस्टम पर खाली लाकर की सूची रखेंगे जैसे कि अमुक शहर की अमुक शाखा में कितने खाली लाकर हैं।
यानि अब बैंक लाकर होने के बावजूद ग्राहकों को झूठी सूचना देकर टरका नहीं पायेंगे।
बैंक शाखा स्तर पर खाली लाकर की जानकारी निरंतर अपडेट रखने को बाध्य हैं। साथ ही लाकर चाहने वाले ग्राहकों की प्रतिक्षा सूची बनाकर, उन के आवेदन की रशीद भी जारी की जायेगी।
6.अब बैंक लाकर सुविधा के नाम पर अधिक डिपाजिट रखने की मांग नहीं कर सकते हैं। बैंक अब लाकर के तीन वर्ष के किराये से अधिक की एफडी नहीं मांग सकते हैं। अन्यथा केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक आफ इंडिया इस गलत प्रेक्टिश के लिए बैंक पर जुर्माना लगा सकता है।
7. लाकर कैबिनेट परिसर में पहुंच की सुरक्षा के लिए बैंक अब एक मजबूत सिस्टम बनायेंगे और सीसीटीवी( क्लोज सर्किट टीवी) भी लगाया जायेगा और इस की फुटेज 180 दिन तक बैंक को सुरक्षित रखनी होगी।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया के स्पष्ट दिशा निर्देशों के बाद लाकर जारी करने में बैंक की मोनोपोली पर अब सीधे अंकुश लग गया है और बिना सिफारिश वाले सामान्य ग्राहक भी अपने परिवार की कीमती वस्तुयें बैंक लाकर में आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं।
— संदीप एम खानवलकर
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