उभरने लगा दिव्य – भव्य श्री राम मंदिर पूरे संसार में 21 वीं सदी का अजूबा !
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या में तेजी से उभर रहा है - भारत का सांस्कृतिक व अध्यात्मिक स्वाभिमान।
उभरने लगा दिव्य – भव्य श्री राम मंदिर पूरे संसार में 21 वीं सदी का अजूबा !
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या में तेजी से उभर रहा है – भारत का सांस्कृतिक व अध्यात्मिक स्वाभिमान।
इस बार 19 अगस्त जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मित्र सर्वेश कुमार सिंह के साथ राम लला के दर्शन करने का पुन: सौभाग्य मिला।
2008 की कैलाश मानसरोवर यात्रा की तरह मैं एक बार फिर भाव विभोर हो उठा था।
राम लला अब तिरपाल के आशियाने से बाहर एक सुंदर परिवेश में विराजमान हैं।
हमें ग्यारह बजे की रामलला आरती में शामिल होने का परम सुख अन्य तीर्थ यात्रियों के साथ नसीब हुआ।
राम जन्म भूमि, अयोध्या में उसदिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की धूमधाम भी रही।
दक्षिण भारत के प्रमुख धार्मिक केंद्र तिरूपति तिरूमला देव दर्शन की एक टीम भी श्री राम मंदिर निर्माण की अद्यतन जानकारी लेने पहुंची हुई थी।
हमारे अग्रज चम्पत राय जी, महासचिव श्री राम जन्म तीर्थ क्षेत्र न्यास ने निर्मित हो रहे श्री राम मंदिर की बारिकीयों को समझाया।
पूरा प्रोजेक्ट और तकनीकी विशेषता उन्हें कंठस्थ है – किस दिन क्या हुआ, क्या हो रहा है और कब क्या होने वाला है!
भूगर्भ में साठ फिट से अधिक गहराई में भूमि सुधार के लिए ठोस कृत्रिम चट्टान का आधार निर्माण कराया गया है।
तब भूमि से छह मीटर ऊंचे संगमरमर का पटल तैयार हो रहा था। इस प्रकार गर्भ गृह और मंदिर को गहन मजबूती और फैलाव मिला है।
आज मंदिर में गर्भगृह ने उभार भरना प्रारंभ कर दिया है – इस अभियान के निदेशक चम्पत जी राम जन्म भूमि आंदोलन से लेकर, दिव्य श्री राम मंदिर निर्माण की कल्पना को साकार करने में अपना जीवन न्यौछावर किए हुए हैं।
पिछले चार दशकों से श्री राम आंदोलन की हर छोटी – बड़ी गतिविधि चम्पत जी के समक्ष संभव हुई है।
चम्पत जी से मेरा परिचय वर्ष 1981 में हुआ – देहरादून जिला प्रचारक का स्नेह और शुभकामनाओं ने एक छोटे अखबार में मेरी जीवनधारा को प्रबुद्ध विचार दिए।
दो साल अरुणाचल में शिक्षक रहने के बाद मेरी फिर उत्तराखंड में वापसी हुई। यह दौर राम जन्म भूमि आंदोलन का चरम बन रहा था।
चम्पत जी रसायन विज्ञान में परा स्नातक हैं और एक श्रेष्ठ कैरियर छोड़कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद को अपना सर्वस्व न्यौछावर कर रहे हैं।
कभी – कभी मेरा संशय बना रहता था – क्या कभी श्री राम मंदिर आकार लेगा ? देश का स्वाभिमान और आस्था के केंद्र बिंदु श्री राम को विवादित नहीं बनाया जा सकता है।
वैधानिक पचड़ों से निकालकर 5 अगस्त 2020 को श्री राम मंदिर गर्भगृह में शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
इस परियोजना को फलीभूत करने में अनेक अनाम नागरिकों का बलिदान है।
नृपेंद्र मिश्र सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस का विशिष्ट प्रशासनिक अनुभव और चम्पत राय जी की चौबीस घंटे व 365 दिनों की दिनचर्या का त्याग देश के लिए सांस्कृतिक और अध्यात्मिक अजूबा श्री राम मंदिर को तेजी से गढ़ता जा रहा है।
एक हफ्ते पहले और आज मंदिर गर्भ गृह के उभार पर इस परियोजना से जुड़े हजारों – हजार नागरिक साधुवाद के अधिकारी हैं।
परियोजना में एल एंडटी के इंजीनियर, टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर के विशेषज्ञ, भारत के सभी बड़े संस्थानों के तकनीकी शिक्षाविद और श्रमिक पूरे भक्ति भाव से इस परियोजना को साकार कर रहे हैं।
चम्पत जी से परिचित सभी जानते हैं – बेहद साधारण, शालीन, कर्मठ और स्पष्ट विचारों के स्त्रोत हमेशा प्रचार से दूर रहते हैं।
मृग कस्तूरी की सुगंध को चाहकर ढक नहीं पाता है। अब ऐसे ही चम्पत जी की उपलब्धियां जग जाहिर हैं।
— भूपत सिंह बिष्ट