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सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब केदारनाथ में सशक्त भू कानून रैली – मोहित डिमरी !

भूमि कानून को शिथिल करके 385 गांव नगरीय क्षेत्र में शामिल कर  उत्तराखंड में ज़मीन की बिक्री आसान हुई। 

सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब केदारनाथ में सशक्त भू कानून रैली – मोहित डिमरी !

2018 से भूमि कानून को शिथिल करके 385 गांव नगरीय क्षेत्र में शामिल कर  उत्तराखंड में ज़मीन बिक्री आसान हुई। 

 

सशक्त भू कानून और मूलनिवास 1950 का आंदोलन चला रही समिति के संयोजक मोहित डिमरी

ने ऋषिकेश महारैली की सफलता के बाद अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए केदारनाथ विधानसभा में

अगली रैली की घोषणा की है।

केदारनाथ के बाद हरिद्वार , रामनगर , पौड़ी , पिथौरागढ़ में भी सशक्त भूमि कानून की मांग को लेकर

महारैली का आयोजन प्रस्तावित है।

भू कानून में परिवर्तन कर 385 गावों को नगरीय क्षेत्र में शामिल कराया गया ताकि जमीन का धंधा चल निकले।

उत्तराखंड में 1964 के बाद भूमि बंदोबस्त न होने के कारण कृषि भूमि , जंगल भूमि और बंजर भूमि का

आधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है।

मोहित डिमरी ने अंदेशा जाहिर किया है कि निवेश के नाम पर जमीन अलॉट कराकर भी प्रॉपर्टी डीलिंग

की सम्भावना बनी है सो सरकार उत्तराखंड में भूमि व्यवसाय में जुड़े लोगों की जांच कराये।

सीमांत राज्य उत्तराखंड में अन्य हिमालयी राज्य के अनुसार ही  भूमि कानून लागू हो।

सरकार कानून बनाने से पहले उसका ड्राफ्ट लोगों के बीच चर्चा के लिए जारी करे।

उत्तराखंड में भू -कानून का लाभ पाने वालों की जांच होनी जरूरी है।  अवैध बस्ती बनाकर भूमि

कब्जाने वालों को मालिकाना अधिकार नहीं मिलना चाहिए।

उत्तराखंड में सशक्त भू कानून के साथ – साथ मूल निवास -1950 को भी कड़ाई से लागू किया जाये।

ताकि उत्तराखंड के सीमित साधनों का सबसे पहले लाभ मूल निवासियों को ही मिले।

उत्तराखंड की भूमि पर लगने वाले उद्योग में कास्तकार को भी मालिकाना अधिकार मिलना जरुरी

है।  अन्यथा उत्तराखंड में जमीन के मालिक अपनी जमीन गवांकर मजदूर बनने को विवश रहेंगे।

उद्योग के लिए जमीन बिक्री करने की जगह लीज पर देने का विधान लागू हो।

मोहित डिमरी ने कहा – उनकी समिति उत्तराखंड स्थापना दिवस पर अपना भू कानून का मसौदा

पब्लिक में जारी करने वाली है।

पदचिह्न टाइम्स।

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