नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का दल द्रोपदी का डांडा एवलांच में फंसा !
पर्वतारोहण कोर्स के प्रशिक्षार्थियों के रेक्सयू हेतु वायुसेना और एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाला।
भारत की अग्रणी पर्वतारोहण संस्थान निम उत्तरकाशी के प्रशिक्षुओं का दल बर्फीले तूफान की चपेट में आया है।
4 अक्टूबर को बर्फीला तूफान आने से डोकरानी बामक ग्लेशियर टूटने की सूचना है।
बर्फ के मलवे में 29 लोगों के फंसे होने की सूचना है – इन में आठ लोगों को बर्फ से निकाल लिया गया है।
गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार 10 मृत शरीर मिल गए हैं और 18 अभी लापता हैं।
प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार नेहरू पर्वतारोहण संस्थान – निम , उत्तरकाशी के बेसिक कोर्स और एडवांस कोर्स का दल पर्वत शिखर द्रोपदी का डांडा ( DKD) की ओर गया था।
22 सितंबर से 8 अक्टूबर 2022 तक चलने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में बेसिक और एडवांस पर्वतारोहण का अभ्यास 18 हजार फीट से ऊंचे द्रोपदी का डांडा शिखर पर कराया जाता है।
इस अभियान में 97 बेसिक कोर्स और 44 एडवांस कोर्स के प्रशिक्षु शामिल हैं।
बाकि 34 निम के प्रशिक्षक और अधिकारी शामिल बताये गए हैं।
निम बेस शिविर डोकरानी से संपर्क बना हुआ है और अपने प्रयास से निम के प्रशिक्षकों व अधिकारियों ने राहत और बचाव प्रयास शुरू किए हुए हैं।
अब बड़े पैमाने में बचाव कार्य के लिए भारतीय वायुसेना सरसावा स्टेशन से एक्टिव है।
वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिलाधिकारी उत्तरकाशी इस आपदा पर नज़र बनाये हुए हैं।
उत्तरकाशी में मातली और डोकरानी बामक निम आधार शिविर पर हैलीपेड राहत के लिए तैयार हैं।
पदचिह्न टाइम्स।