पाकिस्तान के आपरेशन बदर को जब हमारी सेना ने पीटकर धोया !
कारगिल और द्रास की चोटियों से श्रीनगर - लेह मार्ग पर बमबारी करने वाले दुश्मन ढेर किए।
पाकिस्तान के आपरेशन बदर को जब हमारी सेना ने पीटकर धोया !
कारगिल और द्रास की चोटियों से श्रीनगर – लेह मार्ग पर बमबारी करने वाले दुश्मन ढेर किए।
ऑपरेशन विजय के बीस साल पूरे होने पर सेना ने अपने वीर शहीदों को खास तौर से
याद किया – हमारा सौभाग्य रहा – बेटी अस्मिता के साथ इस अवसर पर अक्टूबर में लेह , कारगिल
व द्रास जाने का मौका मिला।
हम भी अपने वीर सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर पाये।
द्रास में ऑपरेशन विजय के वीर शहीदों की याद में अब भव्य स्मृति स्थल
बनाया गया है – 1999 का कारगिल युद्ध किन मुश्किल हालातो में और
कैसे लड़ा गया ?
ये सब जानने के लिए दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे इलाके द्रास के सफर में
जाना जरूरी है।
बनस्पतिविहीन चोटियों से आपरेशन ” बदर ” को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान
दो साल से तैयारी में था और बर्फ़बारी के बीच मोर्चा लगाकर बैठ गया था ।
1999 के मई माह में इस घुसपेठ की पहली रिपोर्ट गडरियों से मिली थी।
मई से जुलाई माह तक चले “आपरेशन विजय” में भारतीय सेना ने
एक – एक दुश्मन को मार भगाया।
पाकिस्तान को दूसरी बार करारी शिकस्त कारगिल में मिली।
अपनी 1971 की हार का बदला, तीन दशक बाद इसी बीसवीं सदी में लेने को
आपरेशन बदर षडयंत्र रचा गया।
“पीओके” से लगे हमारे प्रान्त को हड़पने के अरमान धरे रह गए और उसे एक बार फिर
मुहंतोड़ सबक सिखाया गया।
कारगिल लड़ाई द्रास की चोटियों पर लड़ी गयी है – शहीद स्थल के पीछे नज़र आती
टायगर हिल और तमाम चोटियाँ दिल में जोश भरती हैं और शहीद के लिए
आँखे नम भी कर देती हैं।
कारगिल स्मृति स्थल में पूरी लड़ाई का विवरण और शहीद सेनिकों की मूर्तियाँ भी
सैनिक सम्मान के साथ सजी हुई हैं।
– भूपत सिंह बिष्ट