करो या मरो – उद्धव ठाकरे ने फूंका महाराष्ट्र चुनाव का मूल मंत्र !
288 सदस्यवाली महाराष्ट्र विधानसभा में सत्ता और अस्तित्व संघर्ष का अंतिम दौर।
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाने हैं और नामांकन 20 अक्टूबर
से 29 अक्टूबर तक होना है।
सत्तारूढ़ महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे – शिव सेना और अजित पंवार -एनसीपी को
दुबारा महाराष्ट्र में सरकार बनाने का अवसर मिलता है या फिर लोकसभा परिणाम के
अनुरूप उद्धव ठाकरे – शिवसेना का इंडिया गठबंधन सफल रहता है।
उद्धव ठाकरे ने 2019 के चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिलने के बावजूद ढाई साल सत्ता
से बाहर रखा। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर
महा विकास अगाड़ी बना लिया था।
इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपदस्थ करने के लिए शिवसेना और एनसीपी में
दो फाड़ कराया गया। बीजेपी ने एक समय के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एकनाथ शिंदे
के तहद उप – मुख्यमंत्री बना दिया। शरद पंवार की एनसीपी तोड़ने के बाद उनके भतीजे
अजित पंवार को भी उप – मुख्यमंत्री पद से नवाजा गया।
कौन सी पार्टी असली शिवसेना और एनसीपी है – जनता जनार्दन का निर्णय 23 नवंबर को
आना है इसलिए शरद पंवार – सुप्रिया शुले तथा उद्धव ठाकरे की शिवसेना आर -पार की
लड़ाई तक पहुँच गए हैं।
लोकसभा चुनाव में महा विकास अगाड़ी – इंडिया गठबंधन ने 48 में 30 सीट जीतकर
बीजेपी के 400 पार के सपने को चकनाचूर कर दिया। इन 30 लोकसभा सीट का गणित
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में 160 विधानसभा सीट जीतने का अहसास करता हैऔर बीजेपी गठबंधन
128 विधानसभा में आगे रहा है।
देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी काडर से 200 सीट जीतकर दुबारा सत्ता में आने का आह्वान किया
है।
उद्धव ठाकरे – शिवसेना ने एक रैली में कहा है – मै, फडणवीस की राजनीति समाप्त कर दूंगा
या खुद मिट जाऊंगा। इस तरह 288 सदस्यवाली महाराष्ट्र विधानसभा में चुनावी गर्मी चरम
तक पहुंच रही है।
लोकसभा की नांदेड़ सीट पर भी उपचुनाव 20 नवंबर को होना है और वोटों की गिनती
एवं परिणाम 23 नवंबर को आने वाले हैं।
- भूपत सिंह बिष्ट