देहरादून में पंडित कुमार गंधर्व शताब्दी समारोह का श्रीगणेश !
दून लाइब्रेरी में आयोजित हुआ - कस्तूरबा गांधी व कुमार गंधर्व जयंती पर गांधी दास्तान व कबीर गायन।
देहरादून में पंडित कुमार गंधर्व शताब्दी समारोह का श्रीगणेश !
दून लाइब्रेरी में आयोजित हुआ – कस्तूरबा गांधी व कुमार गंधर्व जयंती पर गांधी दास्तान व कबीर गायन।
कला जगत में पदम भूषण और पदम विभूषण से सम्मानित पंडित कुमार गंधर्व का जन्म 8 अप्रैल 1924 को
कर्नाटक में हुआ।
उनका वास्तविक नाम शिवपुत्र सिद्धारमैय्या कोमकलीमठ है।
देहरादून में आज से कुमार गंधर्व के शताब्दी समारोह की भी शुरूआत हुई है।
हिन्द स्वराज मंच तथा दून लाईब्रेरी एवं शोध केंद्र ने इस अवसर पर ‘‘गांधी दास्तान व कबीर गायन’’ का
आयोजन किया।
कस्तूरबा गांधी ( कस्तूरबाई माखनजी कपाड़िया , जन्म11 अप्रैल 1869 ) और
पंडित कुमार गंधर्व (जन्म 8 अप्रैल 1924 ) को संयुक्त तौर पर याद करते हुए हिन्द स्वराज मंच की
डॉ. रेणु शुक्ल ने कस्तूरबा के जीवन को याद किया।
कस्तूरबा का अद्भुत व्यक्तित्व, उन्हे गांधीजी की सही अर्थों में सहचरणी बनाता है।
मंच के ही बिजू नेगी ने गांधी, कबीर व कुमार गंधर्व पर चर्चा की – किस तरह पंडित कुमार गंधर्व,
कबीर और गांधी की ओर आए और किस तरह उन्होने कबीर-गांधी की एक नयी व्याख्या व
नए आयाम स्थापित किया।
इस अवसर पर चेन्नई निवासी कबीर गायक वेदांत भारद्वाज व किस्सागो या दास्तानगो
हिमांशु बाजपेयी, लखनऊ ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
वेदांत भारद्वाज भक्ति व सूफी परम्पराओं के संत कवियों को गाना पंसद करते हैं।
रंगमंच व डाॅक्यूमैन्टरी फिल्मों के लिए भी वे संगीत दे चुके हैं।
हिमांशु बाजपेयी की गिनती देश के चुनिंदा दास्तानगों में होती है।
हिमांशु वाजपेयी की किताब ‘‘किस्सा-किस्सा लखनऊवा’’, को
‘‘साहित्य अकादमी युवा पुरुस्कार 2001’’ मिला है।
इस अवसर पर पर्यावरण विद डॉ.रवि चोपड़ा, पूर्व सचिव विभापुरी दास, कमला पन्त, बसन्ती मठपाल,
दून पुस्तकालय के चन्द्रशेखर तिवारी, जगदीश सिंह महर, सुंदर बिष्ट, जगदीश बाबला, विभूति भूषण भट्ट,
अनिल भारती सहित शहर के अनेक बुद्धिजीवी व युवा पाठक उपस्थित थे।
पदचिह्न टाइम्स।