
मुफ्त स्कीम बंगलौर भी आया मँहगाई डायन की चपेट में !
गारंटी स्कीम के 60 हजार करोड़ जुटाने के लिए टैक्स और किराये में बढ़ोतरी ।
कर्नाटक में कांग्रेस की 20 माह पुरानी सरकार मँहगाई का कहर बरपाने के लिए
आलोचना की जद में आ गई है।

भाजपा का विकल्प बनने में हिमाचल और कर्नाटक सरकारों को लोहे के चने चबाने
पड़ रहे हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार अपनी गारंटी स्कीमों को चलाने के लिए 60 हजार करोड़ की
अतिरिक्त उगाही को विवश है।
फलस्वरूप आम जन जीवन मँहगाई के मक्कड़ जाल में फंसता जा रहा है। नए साल में
कर्नाटक रोड़वेज ने बसों का किराया 15 फीसदी बढ़ा दिया है।

नंदिनी दूध दो रूपये, हास्पीटल और मेडिकल कालेज में इलाज 20 फीसदी, पेट्रोल और डीजल पर
प्रतिलिटर तीन और साढ़े तीन रूपये की टैक्स बढ़ोतरी, स्कूटर और कार खरीद पर सेस कर,
एमबीए और एमसीए की फीस वृद्धि,शराब पर पहले ही 20 फीसदी, स्टांप और संपत्ति मूल्यों पर
अंधाधुंध बढ़ोतरी के आरोप लगे हैं।
बिजली, पानी और मैट्रो यातायात भी महंगा हो गया है।
बंगलौर में जीवन यापन 25 -30 फीसदी मंहगा हुआ है।
कर्नाटक सरकार का दावा है कि मूल्यों में वृद्धि काफी समय से टाली जा रही थी।
फिर भी माना जा रहा है कि गारंटी स्कीमों के लिए धन जुटाने में अन्य विकास कार्य थम से गए हैं।
फिलहाल कर्नाटक में मुद्रा स्फीति की दर देश के 5.48 फीसदी के मुकाबले 5.07 फीसदी तक
कम है लेकिन सबसिडी स्कीमों ने हर सरकार की हालत पतली की हुई है।
पदचिह्न टाइम्स।