सावधान , जान लीजिए -रामफल , नागफनी फल या कांटेदार नाशपाती !
स्वर्गाश्रम ऋषिकेश में गंगा नदी पर लक्ष्मण झूला पुल, राम झूला पुल के बाद जानकी झूला पुल तीसरा पुल।

सावधान , जान लीजिए -रामफल , नागफनी फल या कांटेदार नाशपाती !
स्वर्गाश्रम ऋषिकेश में गंगा नदी पर लक्ष्मण झूला पुल, राम झूला पुल के बाद जानकी झूला पुल तीसरा पुल।
उत्तराखंड में ऋषिकेश एक मात्र धार्मिक और टूरिस्ट स्थल है जो कि चार जनपदों से जुड़ा है।
गंगा पार स्वर्ग आश्रम पौड़ी गढ़वाल जनपद, मुनी की रेती टिहरी जनपद, ऋषिकेश नगर देहरादून जनपद और
मोक्षदायनी मायानगरी हरिद्वार से सीमा बनाता ऋषिकेश बस कुछ किमी दूर है।
मुनीकीरेती, ऋषिकेश से स्वर्गाश्रम ऋषिकेश की ओर पैदल जाने के लिए नया जानकी पुल पर्यटकों के मन में घर कर चुका है।
लगभग 36 करोड़ की लागत से बने इस (लोकल नामकरण अब सीता झूला) पुल का लोकार्पण पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
ने 20 नवंबर 2020 को किया है।
इस पुल का निर्माण वर्ष 2013 में आरम्भ हुआ था।
इस पुल ने ऋषिकेश की सुंदरता के साथ पर्यटन के नए आयाम जोड़ दिए हैं। इस पुल पर दो पहिए के
यातायात के लिए बनायी गई व्यवस्था पैदल तीर्थयात्रियों के लिए खलल बनती है।
इससे पद यात्रियों के लिए मार्ग तंग हो गया है।
इस पुल के पास राम फल की बिक्री करते स्थानीय युवा सहसा आकर्षित करते हैं।
बड़े जामुन जैसा दिखने वाला फल , बाजार में नया स्थान बना रहा है। पांच रूपये प्रति नग के
हिसाब से नमक मसाला लगाकर बेचा जाता है।
यह फल बीज से भरा है और शायद सभी निगलकर खाते हैं क्योंकि गूदा तो इस में ना के बराबर है।
स्थानीय फल बोलकर बेचा जा रहा यह रामफल आसपास नहीं दिखता है लेकिन बारबार प्रयास करने
पर इस की आमद नीलकंठ और डोइवाला बतायी गई।
काफी जद्दोज़हद के बाद राजखुला कि यह कैक्टस पर लगने वाला फ्रूट है और प्रिकली पियर कहा जाता है।
इसे हम नागफनी फल कह सकते हैं जो कि आनलाइन मार्केटिंग में एमेजान और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।
दावा है कि शूगर, क्लोस्ट्रोल, वजन घटाने में काम आता है लेकिन इस का दुष्प्रभाव उलटी, पेट खराब या
कुछ समय के लिए लकवा ग्रस्त कर सकता है।
नागफनी फल के काँटे हटाकर खाने लायक बनाया जाता है।
जानकी पुल की लोकप्रियता और अखिल भारतीय यात्रियों की भीड़ यहाँ सामान्य जनजीवन लौटने के संकेत हैं।
माँ गंगा के सानिध्य में राफ्टिंग, स्नान, ध्यान और अर्चना करते देशवासी अपनी सनातन परम्परा को पूरी आस्था से जी रहे हैं।
स्वर्ग आश्रम, ऋषिकेश भ्रमण की यह बेहतरीन शुरूआत है।
— भूपत सिंह बिष्ट