प्राइवेट यूनिवर्सिटी सरकारी सुविधा लेने पर – आरटीआई की ज़द में !
स्टेट इनफोरमेंशन कमीशन, उड़ीसा ने कलिंगा इंस्टीटयूट आफ इंडस्ट्रयल ट्रेनिंग को बताया लोक प्राधिकरण।
प्राइवेट यूनिवर्सिटी सरकारी सुविधा लेने पर – आरटीआई की ज़द में !
स्टेट इनफोरमेंशन कमीशन, उड़ीसा ने कलिंगा इंस्टीटयूट आफ इंडस्ट्रयल ट्रेनिंग को बताया लोक प्राधिकरण।
– भूपत सिंह बिष्ट
स्टेट इनफोरमेंशन कमीशन, उड़ीसा ने एक बहुप्रतीक्षित मुकदमें का फैसला सुनाते हुए उड़ीसा के सबसे बड़े प्राइवेट औद्योगिम संस्थान और डीम्ड यूनिवर्सिटी को पब्लिक अथारिटी – लोक प्राधिकरण माना है। अब लोक प्राधिकरण बनने के बाद यह प्राइवेट यूनिवर्सिटी आरटीआई के दायरे में आ गई है।
92 पेज के निर्णय में स्टेट इनफोरमेंशन कमीशन, उड़ीसा ने प्रदेश के सबसे बड़े संस्थान को सरकारी सुविधायें लेने पर अब आरटीआई के सवालों का जवाब देने के लिए आदेशित किया है। उड़ीसा में पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी आरटीआई के दायरे में आने से देश के अन्य प्रदेशों में सरकारी अनुदान और लीज पर मिली भूमि को बैंकों में गिरवी रखकर ऋण लेने और सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल करने पर पब्लिक आथरिटी नज़ीर बन सकता है।
मुख्य सूचना आयुक्त सुनील कुमार मिश्रा ने 2017 में आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप प्रधान की अपील पर यह निर्णय दिया है। प्रदीप प्रधान ने सरकारी सुविधाओं जैसे भूमि आंवटन से लेकर, सरकारी भूमि को गिरवी रखकर ऋण प्राप्त करने में प्राइवेट संस्थान कलिंगा इंस्टीटयूट आफ इंडस्ट्रयल ट्रेनिंग डीम्ड यूनिवर्सिटी को पब्लिक अथारिटी मानकर सूचना का अधिकार कानून के दायरे में शामिल करने का मामला दायर किया था।
सरकारी संसाधानों का लाभ पाने वाले प्राइवेट शिक्षा संस्थानों को सूचना का अधिकार कानून के दायरे में शामिल करने से सरकारी खजाने की लूट का विवरण हासिल करना आसान हो जायेगा और मिलीभगत पर लगाम कसेगी। उत्तराखंड के प्राइवेट शिक्षा संस्थानों में छात्रवृत्ति घोटाले में कई सौ करोड़ का गोलमाल जांच के दायरे में है।