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देश भय से नहीं साहस से बनता है – सांसद प्रियंका गांधी !

आज राजा भेष बदलकर घूमता तो है लेकिन आलोचना बरदाश्त नहीं कर सकता।

देश भय से नहीं साहस से बनता है – सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा  !
आज राजा भेष बदलकर घूमता तो है लेकिन आलोचना बरदाश्त नहीं कर सकता।

लोकसभा में आज वायनाड सांसद प्रियंका गांधी बढेरा ने अपने पहले भाषण में सरकार की नपे तुले

अंदाज में कड़ी आलोचना की।

हमारा संविधान आम आदमी को शक्ति प्रदान करता है कि वो अन्याय का डटकर मुकाबला करे।

देश निर्माण में नेहरू की भूमिका को मिटाया नहीं जा सकता। इंदिरा जी ने बैंकों और और

खदानों का राष्ट्रीयकरण किया।

नारी शक्ति के बिना सरकार नहीं बन सकती है। नारी शक्ति अधिनियम बनाया है तो

लागू कीजिये।  आज की नारी दस साल इंतज़ार  क्यूँ  करे !

सांसद प्रियंका ने सरकार को इतिहास छोड़कर वर्तमान समस्याओं के निराकरण के

लिए चेताया।


कब तक सरकार वर्तमान पीड़ा के लिए नेहरू को दोष देती रहेगी। वायनाड से ललितपुर

तक किसानों और आदिवासियों की उपेक्षा हो रही है।

देश के सभी संसाधन एक व्यक्ति अडानी को सौंपकर आर्थिक विषमता

खड़ी की जा रही है।

ऐसा लगता है – सरकारें एक व्यक्ति के मुनाफे हेतु कानून और नीति बनाने में

व्यस्त हैं।

सांसद प्रियंका गांधी ने कहा – हमारे देश में चर्चा और संवाद को समाप्त

किया जा रहा है।

पहले के राजा भेष बदलकर जनता के बीच पहुंचते थे और सुधार के लिए अपनी

आलोचना सुना करते थे।
आज राजा को भेष बदलने का शौक तो है लेकिन जनता के बीच आने और

आलोचना  सुनने से डर लगता है।

पंद्रह दिन पुरानी सांसद हूं लेकिन सरकार सदन में मंहगाई और बेरोजगारी पर

चर्चा कराने से भाग रही है।

लोग डर नहीं, साहस को पसंद करते हैं और भय फैलाने वाली सरकार को

बदल डालते हैं।
बैलेट पर चुनाव करा लीजिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।

जल्दी देश भय से ऊपर उठेगा, लड़ेगा और सत्य मांगेगा।

पदचिह्न टाइम्स।

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