लैपटाप, कम्पयूटर और मोबाइल जब्त करने की प्रक्रिया तय हो – सुप्रीम कोर्ट में याचिका !
पेशेवर अपराधी इलैक्ट्रानिक उपकरणों का दुरपयोग करते हैं तो शिक्षाविदों, वकीलों, वैज्ञानिकों और लेखकों के उपकरण जब्त करने व डाटा सुरक्षा की प्रक्रिया बतायें।
सुप्रीम कोर्ट में लैपटाप, कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों को जांच के नाम पर जब्त करने के खिलाफ शिक्षाविदों और लेखकों ने वाद दाखिल किया है।
गृह मंत्रालय ने अपने शपथपत्र में कहा – आजकल इलैक्ट्रानिक उपकरणों का दुरपयोग अपराधी कर रहे हैं और इन उपकरणों को जब्त करके इलैक्ट्रानिक सबूत हासिल करने के लिए जांच में भेजा जाता है।
आईटी विशेषज्ञों से इन उपकरणों की जांच कराना सामान्य प्रक्रिया है।
जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस एमएम सुंद्रेश की बैंच ने सरकार को विस्तृत शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
अगली सुनवायी 26 सितंबर तय हुई है।
शिक्षाविद, विचारक, वैज्ञानिक, लेखक व वकील वर्ग ने जब्ती प्रक्रिया पर आपत्ति जाहिर की है।
पुलिस की कार्यवाही से शिक्षाविदों और बुद्धीजीवियों की निजता का डाटा सार्वजनिक हो रहा है।
उन के कामकाज व रिसर्च डाटा लैपटाप, मोबाइल और कंप्यूटर पर संरक्षित होने से डाटा की सुरक्षा खतरे में है।
शिक्षाविदों और रिसर्च स्कालरों का बहुमूल्य डाटा जांच के नाम पर पुलिस सार्वजनिक कर सकती है।
पुलिस जांच के नाम पर उन के जीवन भर की कमाई के डाटा को नुक्सान, नष्ट, समाप्त और खराब किया जा सकता है।
बैंच ने सरकार को आदेश दिया है कि अगली सुनवायी में उन्नत देशों में इन उपकरणों को जब्त करने व जांच की प्रक्रिया के साथ शपद पत्र दाखिल करें।
बुद्धीजीवियों के अध्ययन डाटा को सामान्य अपराधियों के समकक्ष नहीं रखा जा सकता है।
याचिकाकर्ताओं ने उपकरणों में बगिंग व टैपिंग की चिंता भी जाहिर की है।
पदचिह्न टाइम्स।