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अच्छी खबर ! सुप्रीम कोर्ट पैनल बनाकर करेगा पुलिस बर्बरता जांच !

सरकार की कठपुतली बने अफसर अब आए कठघरे में।

अच्छी खबर ! सुप्रीम कोर्ट पैनल बनाकर करेगा पुलिस बर्बरता जांच !
सरकार की कठपुतली बने अफसर अब आए कठघरे में।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एनवी रमण दिन प्रतिदिन नागरिकों पर बढ़ते पुलिस अत्याचार का संज्ञान लेने के लिए हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में स्थायी कमेटी बनाने जा रहे हैं।

चीफ जस्टिस की राय है कि ब्यूरोक्रेटस और पुलिस को आम जनता पर हाथ उठाने का कोई अधिकार संविधान में नहीं है लेकिन कुछ पुलिस अधिकारी हद पार कर रहे हैं।

सरकार की कठपुतली बने अधिकारी विशेषकर पुलिस आम जनता के संविधिन सम्मत अधिकारों पर कुठाराघात कर रहे हैं।
अनेक मामलों में पुलिस राजनेताओं के पर्सनल एजेंडा साधने के लिए हिंसा की तमाम सीमायें लांघ रही है।

संविधान की शपथ लेकर और कानून का राज चलाने वाले अधिकारी अपना कर्त्तव्य भूलकर पार्टी नेताओं के लिए काम करते नजर आते हैं। पुलिस अधिकारी अपनी सीमायें लांघकर दिन – प्रतिदिन बर्बरता के लिए दोषी दिखते हैं। छतीसगढ़ सरकार ने अपने एडिशनल डीजीपी गुरजिंद्र पाल सिंह के खिलाफ राजद्रोह, लूटखसोट, अपराधिक साठगांठ आदि की संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज कराये हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई करते हुए ब्यूरोक्रेटस को सावधान किया है। हाल ही में गोरखपुर के होटल में एक बिजनेसमैन की पुलिस द्वारा हत्या का मामला सामने आया है।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर ने अपने गृहमंत्री पर वसूली के आरोप लगाए हैं और अब अपनी सरकार व पुलिस जांच से बचते फिर रहे हैं।
तमिलनाडु में कोविड कानून का पालन कराने में पुलिस द्वारा दुकानदार बाप – बेटे की पीट – पीटकर हत्या कर दी गई। कई राज्यों में सिविल अधिकारियों के वीडियो वायरल हुए हैं – जब वे आम नागरिकों के साथ मारपीट करते दिख रहे हैं।

एक सरकार जाने के बाद पार्टी लाइन पर काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दूसरी सरकार अपने साथी पुलिस अधिकारी के खिलाफ, दुश्मन मानकर काम करने लगी है और सुप्रीम कोर्ट ने इस परिपाटी पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत बतायी है।

गिरफ्तारी से बचने के लिए गुरजिंद्र पाल सिंह सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं और अपनी सरकार के खिलाफ तमाम कानून विरोधी हथकंडे अपनाने के आरोप लगा चुके हैं।

वरिष्ठ वकील एफएस नरीमन और विकास सिंह ने सरकारी वकील मुकुल रोहतगी और राकेश द्विवेदी के खिलाफ बहस करते हुए अपने मुअक्किल को गिरफ्तारी से बचाने में फिलहाल सफलता हासिल पायी है।
पदचिह्न टाइम्स।

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