ईडी डायरेक्टर का सेवा विस्तार सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया !
अब 31 जुलाई को निदेशक संजय मिश्रा की विदाई तय, सरकार ने अगली 18 नवंबर तक कार्यकाल बढ़ा दिया था।
भारत की प्रवर्तन निदेशालय संस्था के डायरेक्टर संजय मिश्रा को
एक के बाद एक, तीन बार लगातार सेवा विस्तार बढ़ाने को
सुप्रीम कोर्ट ने अवैध और असंवैधानिक करार कर दिया।
केंद्र सरकार ने मौजूदा एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट – ईडी डायरेक्टर के कार्यकाल
को रिटायर होने के बाद भी निरंतर तीन बार बढ़ा दिया था।
सेवा नियमानुसार संजय मिश्रा कई साल पहले रिटायर हो जाने थे।
तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद श्रीमती महुआ मैत्र ने अन्य लोगों के साथ
ईडी डायरेक्टर का कार्यकाल बार – बार बढ़ाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
लोकसभा सांसद महुआ मैत्र ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बीजेपी को चुनौती दी है कि केंद्र सरकार की मनमानी और हर गलत निर्णय का
संसद में, कोर्ट और सड़क तक में जमकर विरोध किया जायेगा।
विपक्ष लगातार ईडी पर भेदभाव का आरोप मढ़ता आ रहा है ।
संजय मिश्रा की नियुक्ति अवैध घोषित होने के बाद टीएमसी फायर ब्रांड
लीडर महुआ मैत्र ने अब उन के सारे कामकाज पर जांच बैठाने की मांग उठा दी है।
बीजेपी को राजनीतिक लाभ दिलाने के लिए विपक्षी नेताओं को डराने, जेल में डालने
और दलों को तोड़ने में सहायक है – ऐसे आरोप प्रीमियर एजैंसी पर लग रहे थे।
व्यक्ति विशेष की नियुक्ति में केंद्र सरकार की मनमानी को रद्द कर
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दे दिया है।
संजय मिश्रा के कार्यकाल में ईडी ने विपक्षी नेताओं को कई घंटो तक पूछताछ के लिए
अपने कार्यालय में निरंतर समन किया।
बीजेपी विरोधी कई नेताओं को जेल की हवा खानी पड़ी और आम आदमी पार्टी के मंत्री
जमानत के लिए अभी अदालतों में जूझ रहे हैं।
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को शानदार बताया।
ये लोकतंत्र विरोधी उन शक्तियों के मुँह पर करारा तमांचा है – जो अपने पिठ्ठू अधिकारी को
सेवा विस्तार देकर भय और चरित्र हनन करवा रहे थे।
पदचिह्न टाइम्स।