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महाराष्ट्र शिवसेना उधव ठाकरे गुट फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट !

चुनाव आयोग के खिलाफ फरियाद संवैधानिक बैंच के निर्णय से पहले चुनाव निशान पर फैसला न हो।

महाराष्ट्र शिवसेना उधव ठाकरे गुट ने फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट !

चुनाव आयोग के खिलाफ फरियाद संवैधानिक बैंच के निर्णय से पहले चुनाव निशान पर फैसला न हो।

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बैंच ने अब आगामी 27 सितंबर को शिवसेना ठाकरे गुट की याचिका सुनने की तारीख तय की है।

पिछली 4 अगस्त की सुनवायी में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ताकीद की थी कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवायी तक चुनाव आयोग कोई निर्णय न ले।

इस बीच महाराष्ट्र सरकार में भागीदार शिवसेना शिंदे गुट ने फिर चुनाव आयोग के यहां आवेदन दायर कर दिया कि आगामी नगर निकाय तथा विधानसभा चुनावों को देखते हुए शिव सेना के चुनाव चिन्ह तीर कमान पर फैसला सुनाया जाए।

इस बार शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम आदेश के लिए याचिका दायर कर दी – चुनाव आयोग को समानांतर कार्रवाई करने से रोका जाये।

जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की पांच सदस्यीय संविधान बैंच ने आज सुनवायी के बाद अगली 27 सितंबर को अंतरिम निर्णय देने की तारीख तय की है।

चुनाव आयोग के वकील अरविंद दतार ने दलील दी – कोर्ट का निर्णय विधानसभा सदस्यता तक सीमित है सो चुनाव आयोग पार्टी और चुनाव निशान पर वाद सुन सकता है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ग्रुप के वकील नीरज किशन कौल ने चुनाव आयोग से शिवसेना चुनाव निशान पर तुरंत निर्णय लेने की अपील की है।

उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिए – संविधान बैंच के सम्मुख सुने जा रहे वाद पर चुनाव आयोग की दखल रोकने के आदेश जरूरी हैं।

संविधान बैंच को निर्णय लेने हैं – दलबदल की कार्रवाई झेल रहे विधायकों के क्या अधिकार हैं ? गवर्नर इन विधायकों को सरकार बनाने के लिए बुला सकता है, जबकि वाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित हो ?

विधानसभा डिप्टी स्पीकर के दलबदल नोटिस की संवैधानिक स्थिति क्या है ? चुनाव आयोग इन मामलों पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को नज़र अंदाज कर सकता है ?

दलबदल का निर्णय होने से पहले पार्टी और निशान पर कब्जे के दावे कितने कानूनी हैं।

अब 27 सितंबर को शिवसेना गुटों के बीच पहला निर्णय चुनाव आयोग में चल रहे चुनाव चिह्न धनुष – बाण की सुनवायी के लिए आना है।
पदचिह्न टाइम्स।

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