श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र में संगमरमर पटल निर्माण कार्य अब द्रुत गति पर !
5 अगस्त 2023 भूमि पूजन के तीसरे वर्ष तक श्रीराम लला मंदिर का वास्तविक स्वरूप उभर आयेगा।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र में संगमरमर पटल निर्माण कार्य अब द्रुत गति पर !
5 अगस्त 2023 भूमि पूजन के तीसरे वर्ष तक श्रीराम लला मंदिर का वास्तविक स्वरूप उभर आयेगा।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की प्रगति अब दूर से लहलहाते भगवा ध्वज को देख कर लगाई जा सकती है ! गर्भ गृह में भूमि पूजन स्थल से लगभग साठ फ़ीट ऊंचाई हासिल हो गई है।
श्रीराम मंदिर की रचना शनै – शनै आकार लेती जा रही है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र अयोध्या में श्री कृष्ण जन्म उत्सव का उल्लास भी आज श्रद्धालुओं में देखने को मिला।
विश्व की बड़ी निर्माण कंपनियां एल एंड टी और टाटा इस परियोजना से सीधे जुड़ी हैं।
जहाँ एल एंड टी आधारभूत ढांचा खड़ा करने में सक्रिय है। वहीं टाटा कंपनी इस परियोजना के तमाम पक्षों पर गहन समीक्षा और रिव्यू आडिट करती है।
देश के सभी प्रमुख संस्थान जैसे विभिन्न आईआईटी व भूगर्भ शास्त्र संस्थान, हैदराबाद के विशेषज्ञ अब विश्व स्तरीय श्रीराम मंदिर निर्माण परियोजना में सहयोगी हैं।
मंदिर आकार से दो गुने ज्यादा क्षेत्रफल में पंद्रह मीटर नीचे तक कंक्रीट शिला का निर्माण एल एंड टी कंपनी कर चुकी है।
भूमि सुधार क्रम में अब मंदिर की नींव मजबूती सदियों तक संरक्षित रहने वाली है।
अब कंक्रीट शिलानुमा नींव के ऊपर छह मीटर तक ग्रेनाइट का पटल उठाया जा रहा है। इस काम को अंजाम देने के लिए चार ऊंची टावर क्रेन का उपयोग हो रहा है।
इंजीनियरिंग कंपनी और न्यास के सदस्य अब अगले छह माह की कार्ययोजना पर निरंतर चिंतन – मनन कर रहे हैं ताकि मंदिर निर्माण को वर्ष 2024 तक संपन्न किया जा सके।
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय जी उच्च तकनीक के निर्माण कार्यों को समय बद्ध चरण में पूरा करा रहे हैं।
जल्दी ही कार्यशाला में तराशे गए संगमरमर पत्थरों को मंदिर स्थल पर लाना शुरू होगा और इस साल दिसंबर माह तक छह मीटर ऊंचे पटल पर मंदिर उभरने लगेगा।
श्री राम लला दर्शन पांडाल को आज फूलों से विशेष सजाया गया है। दर्शन पंडाल पर फूलों से श्री कृष्ण जन्म उत्सव भी उकेरा गया है।
आज तीर्थ क्षेत्र परिसर, कार सेवकपुरम आदि स्थलों में श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर भजन संध्या और पांडाल सजाये गए हैं।
श्री रामलला व मंदिर निर्माण दर्शन हेतु देश के उत्तर – दक्षिण, पूर्व -पश्चिम हर कोने से श्रीराम भक्तों की टोलियां निरंतर हजारों की संख्या में पहुंच रही है।
– भूपत सिंह बिष्ट