चीन के साथ देश की 3600 किलोमीटर सीमा में 1600 किमी लद्दाख में स्थित है – सर्दियों के मौसम में 9 हज़ार फ़ीट पर यहाँ बर्फ़बारी शुरू हो जाती है।
ऐसे में श्रीनगर और लद्दाख को जोड़ने वाला सामरिक मार्ग ज़ोजिला पास पर बंद हो जाता है। सेना की सप्लाई और मूमेंट प्रभावित रहता है।
सर्दियों में मार्ग खुला रखने के लिए अब 18 किमी लम्बी ज़ोजिला टनल का निर्माण जारी है। अब ज़ोजिला पास के बंद होने पर इस टनल से बालटाल से मीरामर्ग तक का सफर 30 मिनट में पूरा होगा। अभी यह दूरी ढाई घंटे में तय होती है।
भू तल परिवहन और राज मार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत सितम्बर में इस परियोजना को जल्दी पूरा करने के आदेश किये हैं। 4500 करोड़ की लागत से बन रही टनल को अब दो साल पहले 2024 तक पूरा कर लिया जायेगा।
सर्दियों में माइनस 40 डिग्री तापमान के बीच हज़ार श्रमिक काम पर जुटे हैं और गर्मियों में कार्मिकों की संख्या दो हज़ार पांच सौ तक बढ़ा कर ज़ोजिला टनल का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
चीन को मुँह तोड़ जवाब देने के लिए यह आपात मार्ग बनाया गया है। बालटाल तक आल वेदर रोड़ का काम दीपावली तक पूरा हो जायेगा।
तीन टनल में से दो का काम पूरा हो गया है और 13 किमी की ज़ोजिला टनल पर काम चल रहा है। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ़्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड भूस्खलन , बर्फ़बारी और यंग हिमालय के कटाव की बाधा के बीच काम कर रहे हैं।
सेना की सप्लाई और मूवमेंट को विपरीत परिस्थितयों में भी इस टनल की मदद से पूरा किया जाना है ताकि चीन और पाकिस्तान के सामरिक दवाब को कम किया जाये।
पदचिह्न टाइम्स।