कांग्रेसी दलबदलुओं को नितिन गडकरी की सलाह – स्वस्थ लोकतंत्र हेतु अपनी विचारधारा और पार्टी में बने रहें !
दलबदलु विचारधारा से नहीं – सुविधा के लिए पार्टी बदल रहे, कांग्रेस का कमजोर होना लोकतंत्र की क्षति।
बीजेपी के बड़े नेता, पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आह्वान किया – लोकतंत्र की मजबूती के लिए दलबदल ना करें।
आज सुविधा परस्त नेता सत्ता की चाह में दल बदल करते हैं। नेता विचार की जगह सुविधा भोगी हो रहे हैं। लोकतंत्र की मजबूती के लिए कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है।
कांग्रेसी नेताओं को हार से हताश नहीं होना है। चुनाव में हार – जीत एक सिक्के के दो पहलु हैं। अलग -अलग पार्टी नेताओं में विचार भिन्नता स्वाभाविक है लेकिन विपक्षी नेता देश के दुश्मन नहीं हैं।
नितिन गडकरी ने मजबूत विपक्ष के लिए कहा कि 1950 के दशक में अटल जी चुनाव हार रहे थे लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने अटल जी को पर्याप्त सम्मान दिया।
1980 के दशक में मुझे नागपुर में सफलता नहीं मिल रही थी लेकिन हम अपनी विचारधारा पर अडिग रहे।
भले ही अटल जी के नेतृत्व में बीजेपी को आज की सफलता नहीं मिली – हम विचारधारा में बने रहे। बीजेपी ने विपक्ष से सत्ता का सफर ऐसे तय किया है।
हर पार्टी के दिन आते हैं और नेताओं को अपनी पार्टी में लोकतंत्र के लिए बने रहना है। हार के डर से पार्टी छोड़ने वाले नेता लोकतंत्र को नुक्सान पहुंचा रहे हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पुणे में आयोजित पत्रकारों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
पदचिह्न टाइम्स।