
पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण विरोधी अपील सुप्रीम कोर्ट में खारिज !
सुप्रीम कोर्ट ने एथेनॉल मिश्रण इ -20 विरोध की जनहित याचिका खारिज कर केंद्र की पेट्रोल नीति जारी रखी।
देश में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण की नीति को आज सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृति मिल गई है।

भारत को पेट्रोल में आत्म निर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार चरण बद्ध ढंग से पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण
कर रही है। पहले 5 प्रतिशत , फिर 10 प्रतिशत और अब पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 20 प्रतिशत तक हो रहा
है।
सरकार का मानना है की इस ईंधन नीति से पेट्रोल आयात में कमी , देश के गन्ना उत्पादक किसानों को
लाभ और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण की योजना को केंद्रीय मंत्री
नितिन गड़करी ने प्रोत्साहित किया है।
इस के विरोध में तर्क दिया गया है कि पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण से वाहनों की क्षमता में कमी आ रही है।
वाहन निर्माता और बीमा कंपनी वाहन मालिकों को इंजन नुक्सान की सुरक्षा नहीं दे रहीं हैं।
देश में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण इस्तेमाल लायक वाहन का उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है।
विदेशों में मिश्रित और शुद्ध दोनों तरह के पेट्रोल पंप में उपलब्ध रहते हैं , जबकि भारत के 90 हज़ार से
अधिक पेट्रोल पम्पों पर एक तरफा पेट्रोल में एथेनॉल -20 मिश्रण बेचा जा रहा है।
पदचिह्न टाइम्स।