अब सरकार राजद्रोह के नए मामले दर्ज ना करे – सुप्रीम कोर्ट !
अंग्रेजों के जमाने का कानून राजद्रोह धारा 124 A को लेकर लोकतंत्र में विरोध का अधिकार छीनने के आरोप।
अब सरकार राजद्रोह के नए मामले दर्ज ना करे – सुप्रीम कोर्ट !
अंग्रेजों के जमाने का कानून राजद्रोह धारा 124 A को लेकर लोकतंत्र में विरोध का अधिकार छीनने के आरोप।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने 24 घंटे की अवधि में केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट मत ना रखने पर अब राजद्रोह की धारा पर आगे मुकदमे दर्ज करने पर रोक लगा दी है।
मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि राजद्रोह धारा 124 A के मामले में आगे सुनवायी ना की जाए।
चीफ जस्टिस रमण की बैंच ने केंद्र और राज्य सरकारों को धारा 124 A राजद्रोह के मामले जुलाई के तीसरे सप्ताह तक दर्ज ना करने का आदेश पारित किया है।
इस बीच राजद्रोह के सभी मामले संबंधित अदालतों में निलंबित रहेंगे और पीड़ितों को राहत रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट राजद्रोह की धारा के दुरपयोग, उत्पीड़न और लोकतंत्र में विरोध को दबाने के लिए इस कानूनी हथियार को समाप्त करने की सुनवाई कर रहा है।
पिछले कुछ महीनों में राज्य सरकारें विरोध के स्वर दबाने के लिए राजद्रोह की धारा में मुकदमें दर्ज कर रही हैं ताकि जमानत मिलने में देर हो और विरोध के स्वर लंबे समय तक दब जायें।
सुप्रीम कोर्ट ने अंग्रेजों के राजद्रोह कानून की धारा 124 A के दुरपयोग मामले की सुनवायी में केंद्र सरकार को पक्ष बनाया है।
अब केंद्र सरकार ने कहा है कि वो इस अंग्रेजी कानून की समीक्षा करना चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवायी जुलाई के तीसरे हफ्ते में की जायेगी। अब केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्णय लेना है कि अंग्रेजी कानून को समाप्त करना है या आगे भी सरकार के लिए उपयोगी रहेगा।
सरकार ने इस धारा को जोड़ने का अधिकार पुलिस अधीक्षक को देने की बात कही है। राजद्रोह के मामले कोर्ट में हैं और सरकार को कोर्ट पर पूरा विश्वास है।
राज्य सरकारों ने इस धारा की आड़ में अपने राजनीतिक हित साधने शुरू किए हुए हैं और यही शिकायत इस धारा के बेजा इस्तेमाल की सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
पदचिह्न टाइम्स।