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पदमश्री प्रीतम भरतवाण की नई सौगात – ध्याणी बल फोटू की मशीन!

पचास साल पहले मसूरी के आँचलिक परिवेश में कैमरे की धमक और किस्से।

पदमश्री प्रीतम भरतवाण की नई सौगात – ध्याणी बल फोटू की मशीन!
पचास साल पहले मसूरी के आँचलिक परिवेश में कैमरे की धमक और किस्से।

— भूपत सिंह बिष्ट द्वारा।

जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के मधुर कंठ से निकला नया गीत ” कैमरा ” यू टयूब पर

पहले सप्ताह दस लाख का रिकार्ड पार कर गया है।

पदमश्री प्रीतम भरतवाण द्वारा रचित यह लोकगीत आधुनिक बिंब को लोकपरिवेश में

सजोने में एकदम सफल है।
उत्तराखंड राज्य में लोकगीत – संगीत – नृत्य संवर्धन का बीड़ा उठाये

प्रीतम भरतवाण आफिसियल बैनर ने इस वीडियो लोकगीत का निर्माण किया है।

पचास साल पहले उत्तराखंड के ग्रामीण अंचल में कैमरे का कौतुक इस गीत में

फिल्माया गया है। प्रीतम भरतवाण अपने बालपन की याद करते हुए तत्कालीन

कैमरे का महात्मय लोकजीवन में दोहराते हैं।

मसूरी के आंचलिक परिवेश में एक कुशल कारीगर दर्जी के शिल्प को सराहते

अंग्रेज फोटोग्राफर की पृष्ठभूमि में यह गीत उभरा है।

गढ़वाली फिल्म के अग्रणी कलाकार रमेश रावत ने अपने सजीव अभिनय से

इस वीडियो लोकगीत को कालजयी बनाया है। उन के साथ डैनी और रूचि रावत ने भी

अपनी भूमिका से पूरा न्याय किया है।

ध्याणी बल – फोटू की मशीन के बोल व कर्णप्रिय संगीत के साथ, अब नए – नए

लोक नृत्य प्रयोग शुरू हो चुके हैं और यह प्रीतम भरतवाण द्वारा रचित गीत की

स्वाभाविक स्वीकार्यता का द्योतक भी है।

https://www.youtube.com/watch?app=desktop&v=Uido828hekQ


फोटू की मशीन – कैमरा लोकगीत सहसा बचपन का वह दौर स्मरण कराता है,

जब किसी मशीन को छूना करंट का तार पकड़ना होता था। कैमरा, फाँउटनपैन, रेडियो,

साइकिल यह सब वीआईपी श्रेणी की तब न छूने वाली मशीन मानी जाती थी।

प्रीतम भरतवाण कैमरा और कैमरामैन  के ग्लैमर को शालीनता से स्थापित करते हैं।

कैमरे के किस्से एक गीत में उतार पाना बड़ी चुनौती है और प्रीतम भरतवाण के गीत में शालीन

लोकनृत्य और प्रभावी दृश्यांकन सोने में सुहागा साबित हुए हैं।

वर्ष 2025 में जागर सम्राट और मधुरकंठ के धनी लोकगायक प्रीतम भरतवाण की लोकगीत

कृति ” कैमरा ” नए कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।
पदचिह्न टाइम्स।

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