उत्तराखंड राजनीति का अजात शत्रु “तीरथ” जन्मदिन मुबारक !
छात्र नेता से उत्तराखंड मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद तक का गौरवशाली सफर।
उत्तराखंड राजनीति का अजात शत्रु “तीरथ” जन्मदिन मुबारक !
छात्र नेता से उत्तराखंड मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद तक का गौरवशाली सफर।
गढ़वाल लोकसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड तीरथ सिंह रावत का आज जन्मदिन है – 58 बसंत देख चुके तीरथ उत्तराखंड राजनीति का सबसे शालीन और सौम्य चेहरा हैं।
पौड़ी में कल्जीखाल ब्लाक के सीरौं गांव में जन्में तीरथ सिंह रावत राजनेता के तौर में आज पूरे भारत में अपना गहरा परिचय बना चुके हैं।
सामाजिक सक्रियता छात्र जीवन जयहरीखाल, लैंसडाउन से आरंभ हुई – आरएसएस के प्रचारक बने। गढ़वाल विश्व विद्यालय श्रीनगर परिसर में छात्रसंघ अध्यक्ष बने।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा में राष्ट्रीय मंत्री बनाये गए।
जनरल भुवन चंद्र खंडूडी के प्रमुख शिष्य , अनुशासन व ईमानदारी की पहचान तीरथ सिंह रावत साधारण कार्यकर्ता से अब राजनीति में शिखर की ओर अग्रसर हैं।
1998 में हरक सिंह रावत को चुनाव में हराकर एमएलसी बने। उत्तर प्रदेश विधान सभा परिषद के सदस्य बनकर तीरथ को संसदीय राजनीति को नजदीक से समझने और विधानसभा कमेटियों में सक्रिय होने का अवसर मिला।
उत्तराखंड की अंतरिम सरकार नवंबर 2000 में शिक्षा, निर्वाचन, कारागार मंत्री नित्यानंद स्वामी और भगत सिंह कोशियारी सरकार में रहे।
भाजपा संगठन में प्रदेश महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अमित शाह की टीम में राष्ट्रीय सचिव जैसे पदों पर काम कर के तीरथ ने अपनी सर्व स्वीकार्यता को परवान दी है।
उत्तराखंड राजनीति में तीरथ सिंह रावत अपनी शालीनता, सम्वेदना, ईमानदारी, अनुशासित छवि के कारण अब अजात शत्रु बन गए हैं।
विगत तीन दशक की राजनीति में अधिकांश नेता दलबदल, सकैंडल और मौका परस्त महत्वाकांक्षी के लिए बदनाम हुए हैं – इन के बीच तीरथ संगठन और कार्यकर्ताओं में अखिल भारतीय पहचान रखते हैं।
2012 में चौबट्टाखाल से विधायक निर्वाचित हुए। 2019 में प्रतिष्ठित गढ़वाल लोकसभा सीट में तीन लाख तीस हजार से अधिक वोटों से जीतकर सांसद बने हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड मुख्यमंत्री रहे जनरल बीसी खंडूडी के हनुमान कहे जाने वाले तीरथ सिंह रावत केंद्रीय नेतृत्व की पसंद के कोरोनाकाल में मुख्यमंत्री बनाए गए।
कालचक्र ने ऐसा संयोग रचा – धुर विरोधी सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल जैसे पूर्व कांग्रेसी दिग्गज तीरथ सिंह रावत की बीजेपी सरकार में मातहद रहे हैं।
हाइकमान रणनीति के अनुसार फिर त्यागपत्र देकर हट भी गए – तीरथ गुटबाजी के परे उत्तराखंड से बाहर हिमाचल और अन्य प्रांतों में अपनी सज्जनता – सुलभता से छात्रों तथा युवाओं की भी पसंद हैं।
टारगेट पत्रकारिता के चलन पर तीरथ कहते हैं – आज के दौर में भाव और शब्द के बीच द्वंद उभार कर समाज को खांचे में डाल रहे हैं।
विषय बाल संरक्षण, बच्चों में बढ़ती नशे व ड्रग की लत हो — मगर खबर फटी जींस की चलायी जाए तो लिखने वाले की समाजिक भूमिका पता चलती हैं।
वेशभूषा और खानपान की आजादी से कोई भी इंकार नहीं करता – फिर भी फैशन के दौर में बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए सबको जिम्मेदारी उठानी है।
यूरोपियन संस्कृति की नकल और पश्चिम के दुष्प्रभाव से चेताना हमारी जिम्मेदारी है।
कौन नहीं जानता – भारत कभी विदेशियों का गुलाम रहा है !
आज विश्व भर में लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डंका अमेरिका तक में बज रहा है।
पश्चिमी देशों को गौरी चमड़ी, अंग्रेज, अमेरिकन रेड इंडियन, गौरे, विदेशी मलेच्छ ना जाने कितने नामों से पुकारा जाता रहा है। विदेशी मूल के लोग दो सदी से अधिक देश में काबिज रहे हैं और आज भारत के यशस्वी नरेंद्र मोदी पूरे विश्व में जननायक के रूप में लोकप्रिय हैं।
भारतीय संस्कृति की प्रतिबद्धता को दक्षिण तक पूरे देश में सराहा जाता है – सनसनी व विरोधाभास जताने वाले इस में सहायक ही हो रहे हैं।
उत्तराखंड में दलबदल के खिलाड़ी अपना ही अनिष्ट कर रहे हैं – राजनीति में बार – बार अपनी निष्ठा बदलने से सर्वोच्च शिखर तक पहुंचना कठिन है।
— भूपत सिंह बिष्ट
पदचिह्न टाइम्स परिवार की ओर से लोकप्रिय सांसद और पुर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी को जन्म दिवस पर हार्दिक बधाई।