टिहरी ट्रेजरी में पैंशनरों के खाते में करोड़ो का फर्जीवाड़ा वर्षों से गबन घोटाला कुचक्र अब टूटा !
दूसरा गबन घोटाला मामला फिलहाल 2 करोड़ 21 लाख का दर्ज नामजद अभियुक्त पुलिस ने पकड़े।
टिहरी पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि गबन – घोटाले के एक अन्य मामले में सात अभियुक्तों ने टिहरी ट्रेजरी में पैंशनरों के खाते में दो करोड़ इक्कीस लाख से अधिक का गोलमाल किया है।
ट्रेजरी अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने नामजद अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है।
दिनांक 29-12-2021 को अरविन्द चौहान, सहायक कोषाधिकारी, नई टिहरी के द्वारा कोतवाली नई टिहरी में नामजद व्यक्तियों —
1-जयप्रकाश शाह (लेखाकार, कोषागार नई टिहरी)
2- यशपाल सिंह नेगी (लेखाकार, कोषागार नई टिहरी)-3- सुरेन्द्र सिंह पंवार (PRD) 4-मनोज कुमार (खाता धारक) के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया।
नई टिहरी कोषागार में कार्यरत उपरोक्त अभियुक्तगण के द्वारा कुछ वर्षों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेशनर्स के डाटा में छेड़छाड़, कूटरचना कर पेंशनर्स के बैंक खातो के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातो में फर्जी तरीके से पेंशन/एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया हैं।
इस पर कोतवाली नई टिहरी पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। प्रथम दृष्टया रू0 2,21,23,150/- (दो करोड़ इक्कीस लाख तेईस हजार एक सौ पचास रुपये) का गबन पाया गया है।
विवेचना के दौरान 5-सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल 6-सागर पुत्र राजकुमार 7-दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम प्रकाश में आये, जिनके द्वारा नामजद अभियुक्तगण से साज कर गबन में सहयोग किया गया ।
गिरफ्तार अभियुक्त और गबन की राशि
1-जयप्रकाश शाह (लेखाकार, कोषागार नई टिहरी)-गबन की गयी धनराशि रू0 1,35,46,687/-
2-यशपाल सिंह नेगी (लेखाकार, कोषागार नई टिहरी)-गबन की गई धनराशि रू0 33,03,045/-
3-मनोज कुमार –गबन की गयी धनराशि रू0 41,95,500/-
4-सुरेन्द्र सिंह पंवार-गबन की गयी धनराशि रू0 10,77,918/-
5-सोमप्रकाश पुत्र पदम लाल, 6-सागर पुत्र राजकुमार, 7-दीपक पुत्र सूरज सैनी।
अपराध अत्यन्त गम्भीर प्रकृति का सरकारी धन की धोखाधडी एवं कूटरचना कर गबन का है। अतः उक्त अभियोग के अनावरण एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु नवनीत सिंह भुल्लर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अभियोग से सम्बन्धित अभियुक्तगणों को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ मे अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि वे ज्यादातर उन पेंशन फाईलो को छांटते थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
फिर ई-पोर्टल में उनके GRD नम्बर पर उन्हे जीवित दर्शाकर उनके खाता व नाम को कूटरचित कर अपना खाता न0/नाम आदि डालते थे तथा रुपया अपने खाते में ले लेते थे।
इसके अलावा अभियुक्तगण अपने जिन परिचितों (सह अभियुक्त) के खातो में पैसा डालते थे उन्हे कमिशन के रूप में कुछ पैसा देकर बाकि वापस ले लेते थे।
इस प्रकार एक षडयन्त्र के तहत धोखाधड़ी करने की नियत से कूटरचना एवं फर्जीवाड़ा कर स्वयं के लिए अनैतिक लाभ अर्जित करते थे।
टीम द्वारा किये गये अथक प्रयास के फलस्वरूप SSP महोदय द्वारा टीम को रुपये 2500/- नकद इनाम दिये जाने की घोषणा की गयी एवं DIG महोदय, गढ़वाल रेंज द्वारा भी टीम को रुपये 5000/- नकद इनाम दिये जाने की संस्तुति की गयी है।
पदचिह्न टाइम्स।