रूपा की तस्वीर बदल दी टमाटर की खेती ने !
अरूणाचल प्रदेश कृषि नीति ने स्वरोजगार और आर्थिक समृद्धि को बढ़ाया।
रूपा की तस्वीर बदल दी टमाटर की खेती ने !
अरूणाचल प्रदेश कृषि नीति ने स्वरोजगार और आर्थिक समृद्धि को बढ़ाया।
अरूणाचल प्रदेश का पश्चिमी कामेंग जिला कृषि उद्योग अपनाकर आगे बढ़ा है।
टमाटर की खेती ने जिला मुख्यालय बोमडीला के आसपास रूपा – कलक्टांग क्षेत्र में किसानों
को समृद्धि प्रदान की है।
आज यहां से बच्चे भारत के अन्य शहरों और विदेश में उच्च शिक्षा के लिए पहुंच रहे हैं।
रूपा, कामेंग का एक सुंदर गांव अपनी कायापलट से नगर बन चुका है। इस का मुख्य श्रेय
जागरूक और सक्रिय शर्दूकपेन जनजाति समाज को है।
शर्दूकपेन युवाओं ने अपने प्रदेश और देश में अपनी प्रतिभा को साबित किया है।
गांव में आधुनिक खेती और बागवानी तकनीक को अपनाकर बौद्ध समाज ने
नए आयाम बनाये हैं।
रूपा ने पिछले चार दशकों में शिक्षा जगत में शानदार उपलब्धि हासिल की है।
पहले यहां जनजाति समाज के लिए राजेंद्र आश्रम – एनजीओ और सैकेंडरी स्कूल रूपा
शिक्षा और सामाजिक उन्नयन के लिए जुटा था।
अब दूसरे प्राइवेट सैकेंडरी स्कूल के साथ सीनियर सैकेंडरी स्कूल आसपास के
छात्रों में सुरक्षित भविष्य की आस जगा रहे हैं।
टमाटर के अलावा, अनार और कीवी की उपज भी किसान परिवारों में समृद्धि साधन – गाड़ी,
मकान और बच्चों की उच्च शिक्षा जुटाने में सहायक हैं।
बीरपुर ग्राम के रिन चेन किसान अपने परिश्रम और सरकारी योजनाओं के बल पर आबाद हैं।
आज उसके पास भेड़ – बकरियों का झुंड , दुधारू गाय , मछली तालाब , मौन पालन – शहद ,
टमाटर खेती जैसे प्रकल्प चल रहें हैं। सरकारी अधिकारियों के लिए रिन चेन की सफलता
मील का पत्थर है।
अरुणाचल का यह किसान ढ़ेर सारी योजनाओं को धरातल पर उतारना चाहता है।
- भूपत सिंह बिष्ट , कामेंग अरुणाचल।