उत्तराखंड से हमारा रिश्ता बलिदान का है – राहुल गांधी !
विजय सम्मान रैली से कांग्रेस दिग्गजों की भाजपा को खुली चुनौती।
उत्तराखंड से हमारा रिश्ता बलिदान का – राहुल गांधी !
विजय सम्मान रैली से कांग्रेस दिग्गजों की भाजपा को खुली चुनौती।
उत्तराखंड कांग्रेस ने विजय सम्मान रैली का सफल आयोजन कर पांचवी विधानसभा चुनाव के लिए ताल ठोकी है।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी इस रैली के महानायक रहे।
देहरादून के दून स्कूल की अपनी यादें ताजा करने के बाद राहुल गांधी ने उत्तराखंड के बलिदान को शिरोधार्य किया।
सांसद राहुल गांधी ने कहा – उत्तराखंड देश की सीमाओं में हो रहे शहीदों के लिए जाना जाता है।
मैं मानता हूं – इस देवभूमि के युवा देश के लिए बलिदान और सबसे अधिक खून देश की रक्षा में न्यौछावर कर रहे हैं और अपनी वीर परंपरा के अनुरूप राष्ट्र को अपना सर्वस्व अर्पित करते रहेंगे।
बलिदान क्या होता है – उत्तराखंड के हर परिवार का दर्द मुझ से बेहतर कौन जान सकता है !
मैंने अपनी दादी श्रीमती इंदिरा गांधी को खोया है, मेरे परिवार ने अपने पिता राजीव गांधी जी का बलिदान सहा है।
संसद में सरकार की हठधर्मिता इस कदर बढ़ चुकी है – एक साल बाद किसान विरोधी काले कानून वापस लिए, प्रधानमंत्री ने देश से माफी मांगी है।
सरकार के पास किसान आंदोलन में शहीद हुए 700 शहीद किसानों का कोई डाटा नहीं है और यह जानकारी मैंने सदन के पटल पर सरकार को मुहैया करायी है।
जब तक दिल्ली में नरेंद्र मोदी की सरकार है – चंद पूंजीपतियों को छोड़कर किसी का भला नहीं हो रहा है। युवाओं को यह सरकार नौकरी नहीं देना चाहती है।
इस रैली की सबसे खास बात यह रही कि उत्तराखंड के हर वर्ग गढ़वाली, कुमायुनी, जौनसारी, रवांई, गोर्खा, सरदार – पंजाबी, मुस्लमान सब ने पूरे जोश खरोश से शिरकत की। छोटे ग्रुपों में अपने स्थानीय नेताओं की अगुवायी में राहुल गांधी के भाषण के बीच कार्यकर्ताओं की भीड़ परेड मैदान नारे बाजी के साथ पहुंचती रही।
महिलाओं ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। मुस्लिम युवतियों का जोश पहली बार पालिटिकल रैली में नजर आया।
सांसद राहुल गांधी ने अपने चालीस मिनट के संबोधन में उत्तराखंड से अपने भावात्मक लगाव का पूरा जिक्र किया।
विजय सम्मान रैली भारत की पाकिस्तान पर 1971 की 50 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सैनिकों के प्रति सम्मान हेतु आयोजित की गई ।
सबसे पहले सांसद राहुल गांधी ने मंच पर उत्तराखंड पूर्व सैनिक अधिकारियों को सम्मानित किया।
इस के बाद पूर्व चीफ आफ डिफैंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उन की स्वर्गीय धर्मपत्नी मधुलिका रावत को मंच से श्रद्धांजली दी गई।
रैली में अपार भीड़ जुटाकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से बराबरी कर ली है। सत्ता पक्ष के खिलाफ गौण होती कांग्रेस ने उत्तराखंड में चुनावी टक्कर देने की चुनौती पेश कर दी है।
मंच पर शांति पाठ के बाद रैली का श्रीगणेश हुआ। रैली का संचालन प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने किया।
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम चौहान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रैली को संबोधित किया।
पदचिह्न टाइम्स।