2 दिन पहले 4 दिन में सिमट गया उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र !
प्रदेश को मिला 77 हजार करोड़ का वार्षिक बजट, भर्ती में नकल विरोधी कानून और माननीयों का हुड़दंग।
उत्तराखंड की ग्रीष्म राजधानी गैरसैण में आयोजित बजट सत्र चार दिन में सिमट गया।
सत्र के तीसरे दिन 77 हजार 407करोड़ का बजट पेश हुआ।
वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने तमाम अटकलों के बावजूद अपना दूसरा बजट पेश किया और
युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वाहवाही बटोरी।
बजट में शिक्षा क्षेत्र में 10460 करोड़, जोशीमठ आपदा निपटने के लिए 1000 करोड़ और
लखवाड़ विद्युत परियोजना के लिए 500 करोड़ खर्च करने का प्रावधान हुआ है।
युवा मुख्यमंत्री धामी ने बेरोजगार युवाओं पर पुलिस लाठी चार्ज के दौरान दर्ज मामलों को
वापस लेने का निर्णय लिया है, जो आगामी परीक्षाओं में शामिल होने जा रहें हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं को कैरियर बनाने की सलाह दी और राजनीति टूल न बनाने का आह्वान भी किया।
भर्ती परीक्षाओं में नक़ल कराने वाले अपराधियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में कार्यवाही जारी है।
चौथे दिन विभागवार बजट का बटवारा पास किया गया और भराड़ीसैण विधानसभा को
अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया।
उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा का गैरसैण बजट सत्र छह दिन के लिए आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने भर्ती में नकल विरोधी विधेयक को विधानसभा सत्र में
कानून का रूप दिया।
राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्ता पक्ष ने तालियां और विपक्ष ने भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई
से कराने का दबाव बनाया।
दूसरे दिन प्रश्न काल में पीडब्ल्यूडी, टूरिज्म, सिंचाई और पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज को
बीजेपी, कांग्रेस और बसपा विधायकों के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा।
प्रदेश में गड्ढा मुक्त सड़कों की हकीकत, देहरादून और हलद्वानी नगरों में खुले नाले,
लैंसडाउन के लिए टूरिज्म प्लान, हरिद्वार और अन्य जनपदों में नहर, गूल और रजवाहे की हालत पर चर्चा हुई।
आदेश चौहान और सुमित हृदयेश के विशेषाधिकार हनन रिपोर्ट में अधिकारियों को क्लीन चिट मिलने से
कांग्रेस के माननीय विधायकों ने गैरसैण विधानसभा में अभूतपूर्व हंगामा किया।
फलस्वरूप विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूडी भूषण ने सभी कांग्रेसी विधायकों का
एक दिन के लिए निलंबन कर दिया।
अगले दिन की कार्यवाही में बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान और संसदीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल
निलंबन को हटाने के लिए विधानसभा पीठ से अनुरोध करते देखे गए।
प्रीतम चौहान और नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने निलंबन आदेश में विधायी कार्यवाही अधूरी रहने का
मामला उठाया और पीठ ने इसे स्वीकार नहीं किया।
श्रीमती ऋतु खंडूडी ने आदेश चौहान के विशेषाधिकार नोटिस पर सदन को गुमराह करने की
कोशिश में कार्यपालिका को चेतावनी भी जारी की है कि माननीयों को अधिकारी यथोचित सम्मान प्रदान करें।
— भूपत सिंह बिष्ट