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हरेला लोकपर्व अहसास देता है हमारे उत्तराखंड राज्य की एकजुटता – नरेंद्र सिंह नेगी !

दून लाइब्रेरी एवं शोध केंद्र ने मनायी हरितिमा पर्व हरेला की एक गीत - संगीत भरी सांस्कृतिक साँझ।

हरेला लोकपर्व अहसास देता है हमारे उत्तराखंड राज्य की एकजुटता – नरेंद्र सिंह नेगी !
दून लाइब्रेरी एवं शोध केंद्र ने मनायी हरितिमा पर्व हरेला की एक गीत – संगीत भरी सांस्कृतिक साँझ।

उत्तराखंड राज्य के लोक पर्व हरेला की छाप कुमाऊं के बाहर पूरे प्रदेश में

उभरने लगी है।

GARHWALI FOLK SINGER NARENDRA SINGH NEGI

हरेला जैसे लोकपर्व उत्तराखंड राज्य की भूमिका को सार्थकता प्रदान करते हैं।

लोक संस्कृति के संरक्षण बिना राज्य की सकरात्मक भूमिका नहीं है।

उत्तराखंड के श्रेष्ठ गढ़वाली कवि और लोकप्रिय गीतकार नरेंद्र सिंह नेगी ने

हरेला पर्व को अपने भाव दिये।

उत्तराखंडी संस्कार और त्यौहारों का परिचय देने हेतु विशिष्ट संस्कृतिकर्मियों के साथ

प्रकृति से जुड़ा लोकपर्व हरेला दून लाइब्रेरी व शोध केंद्र ने आयोजित किया।
कार्यक्रम में कुमायूं गीतकार गोपाल सिंह बिष्ट, भारती पांडे, कमला पंत, नंद किशोर हटवाल,

लोकसंगीतकार सुरेंद्र कोली, लोकगायिका अर्चना सती और राम चरण जुयाल शामिल रहे।

 

कमला पंत ने हरेला पर्व को कुमायूं संस्कृति में समृद्ध खरीफ फसल की

कामना के साथ घर – घर में फैली लोक परंपरा बताया।

गोपाल बिष्ट ने आधुनिकता की बयार में पलायन से गांव खाली होने का दर्द

कुमाऊनी गीत में बयाँ किया।

लोक परंपरा में शिव – पार्वती से हरेला पर्व पर बरसाती मौसम की फसलों से

खुशहाली देने की नेमत मांगी जाती है।
नंद किशोर हटवाल ने बताया सदियों से गढ़वाल और कुमाऊं में

खेलों – मेलों की परंपरा चली आ रही है।
गढ़वाल डिवीजन में भी हरेला लोकपर्व अब हरियाली संरक्षण हेतु पेड़ लगाने के

संकल्प के साथ घर, गांव और नगरों में धूमधाम से मनाया जा रहा है।

त्यौहार के मौके पर हम नई पीढ़ी से परिवर्तन का आह्वान कर सकते हैं – समाज की

पुरातनपंथी बुराइयां लोकपर्व पर हावी न रहें।

संगीतकार सुरेंद्र कोली, अर्चना सती के अलावा अपनी अस्वस्थता के बावजूद

नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने लोकप्रिय गीतों को गुनगुनाया।

शोध केंद्र के चंद्र शेखर तिवारी ने आगंतुकों का धन्यवाद किया और

उत्तराखंडी कलेवे के साथ हरेला पर्व का स्वागत किया।

SMT SUMITRA SOOD RETIRED TEACHER VIDYA MANDIR

ओएनजीसी से रिटायर पर्यावरण चिंतक असित उपाध्याय ने मुंबई के बाद

अब आशीर्वाद एन्कलेव में वृक्षारोपण किया।

विद्या मंदिर अब स्कोलर होम की लोकप्रिय पूर्व शिक्षिका सूद मैडम ने भी

हरेला पर्व पर अपने परिसर में आँवले का पौधा लगाया।
– भूपत सिंह बिष्ट

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