इतिहासराजनीति

बीजेपी दोहरा पायेगी – 2017 विधानसभा परिणाम इस बार दून घाटी में !

2022 में अब आसान नहीं राह पनघट की, देहरादून की 10 में से 9 सीट जीतकर बीजेपी ने इतिहास रच दिया था।

बीजेपी दोहरा पायेगी – 2017 विधानसभा परिणाम इस बार दून घाटी में !

2022 में अब आसान नहीं राह पनघट की,  देहरादून की 10 में से 9 सीट जीतकर बीजेपी ने इतिहास रच दिया था।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का प्रचार चरम की ओर बढ़ रहा है – 14 फरवरी को पूरे राज्य में एक साथ मतदान होना है।
सात सालों से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जलवा बरकरार है लेकिन उत्तराखंड में तीन मुख्यमंत्री बदले जा चुके हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे हैं। तब बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए तमाम समीकरण और जुगाड़ किए और 70 सीट वाली विधानसभा में 57 सीट पायी।

दल बदल से लेकर निर्दलीय प्रत्याशियों का प्रबंधन बीजेपी ने कुशलता से किया। यह प्रबंधन सरकार चलाने में नहीं दिखा सो डिलिवरी की समस्या और बड़ी उपलब्धि चर्चा में नहीं है।

हरीश रावत की कांग्रेस सरकार पर मीडिया भी कहर बनकर टूटी और अचानक कांग्रेस मुक्त भारत का नारा पैन इंडिया गूंजने लगा।
फलस्वरूप देहरादून जनपद की दस सीटों में नौ सीट जीतकर बीजेपी ने रिकार्ड बना दिया।

2022 में हालात बदले हैं और नेता बीजेपी छोड़कर कांग्रेस और अपनी रीजनल पार्टियों में लौट रहे हैं।  उत्तराखंड में यशपाल आर्य और हरक सिंह रावत को मौसम विज्ञानी कहा जा रहा है और यह बीजेपी सरकार के लिए सुखद साबित नहीं हो रहा है।

2017 चुनाव परिणाम का एक निष्कर्ष यह भी रहा कि बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय पहले तीन स्थानों पर रहे और बीएसपी, कम्युनिष्ट, युकेडी और अन्य दलों का वोट गायब हो गया।

देहरादून की चकराता जनजाति सीट कांग्रेस के प्रीतम सिंह चौथी बार जीतने में कामयाब रहे।

99563 वोटर वाली चकराता सीट पर रिकार्ड 72 प्रतिशत मत डाले गए। बीजेपी की मधु चौहान 1543 वोट से हार गई लेकिन उन्हें कांग्रेस के 49% के मुकाबिल 47% वोट मिले।

तीसरे स्थान पर बसपा के दौलत कुंवर ने 2375 यान तीन प्रतिशत से ज्यादा वोट लिए और यहां कुल 10 प्रत्याशी मैदान में थे।
इस बार नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के खिलाफ बीजेपी ने राम शरण नौटियाल को उतारा है।

रायपुर सीट बीजेपी के उमेश शर्मा काउ ने लगभग 37 हजार के रिकार्ड अंतर से जीती। उमेश शर्मा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए और इस बार भी हरक सिंह रावत के साथ बार – बार पाला बदलने के समाचारों में रहे।
पिछले चुनाव में 61 प्रतिशत वोट पाने वाले उमेश शर्मा का मुकाबला इस बार कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट से होना है।

 

डोईवाला के 142,660 मतदाताओं को पिछली बार मुख्यमंत्री चुनने का श्रेय मिला। यहां 68 प्रतिशत वोटिंग हुई।
बीजेपी के त्रिवेंद्र सिंह रावत को 61 प्रतिशत 58,502 वोट मिले। त्रिवेंद्र ने कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट को 25 हजार वोट से हराया।
इस बार बीजेपी से बृजभूषण गैरोला का मुकाबला कांग्रेस के गौरव चौधरी से है।

2017 में मुख्यमंत्री चुनने वाली डोईवाला विधानसभा इस बार त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिखकर चुनाव ना लड़ने के कारण रौनक खो चुकी है।

ऋषिकेश सीट से बीजेपी के प्रेम अग्रवाल 15 हजार वोटों से जीते और विधानसभा अध्यक्ष बनाये गए।
ऋषिकेश सीट पर 68 फीसदी मतदान हुआ और बीजेपी 61 और कांग्रेस को 35 फीसदी वोट मिले।
इस बार प्रेम अग्रवाल के मुकाबले जयेंद्र रमोला कांग्रेस उम्मीदवार हैं।

मसूरी सीट पर बीजेपी के गणेश जोशी ने बारह हजार मतों से कांग्रेस की गोदावरी थापली को हराया।
पिछली बार यहां 55 फीसदी वोट पड़े। गणेश जोशी ने 41,322 लगभग 55 फीसदी मत पाकर जीत हासिल की और कांग्रेस को 35 प्रतिशत वोट मिले।
इस बार बीजेपी और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं बदले हैं।

देहरादून कैंट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता हरबंश कपूर ने लगभग 17 हजार वोटों से कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना को हराया है।

बीजेपी को 57 और कांग्रेस को 34 प्रतिशत वोट मिले। सूर्यकांत धस्माना अभी तक चार बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। इस बार धस्माना का मुकाबला स्वर्गीय हरबंस कपूर की धर्मपत्नी सविता कपूर और आम आदमी पार्टी के रविंद्र आनंद से है।

 

धर्मपुर विधानसभा में बीजेपी के विनोद चमोली ने कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल को 11 हजार वोटों से हराया।
इस विधानसभा में पिछली बार 184,569 मतदाता हैं। 20 प्रत्याशियों के बीच 57 फीसदी वोट पड़ा।

बीजेपी को 51 और कांग्रेस ने 41 फीसदी वोट हासिल किए। इस बार फिर दोनों दलों ने वही प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।

राजपुर सुरक्षित सीट से बीजेपी के खजान दास ने कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार को लगभग 9 हजार वोटों से हराया।
बीजेपी को 53 और कांग्रेस को 41 फीसदी वोट पड़े। बसपा यहां 1959 तीन प्रतिशत से कम वोट पाकर, तीसरे स्थान पर रही।

विकासनगर सीट पर बीजेपी के मुन्ना सिंह चौहान 6418 वोटों के अंतराल से कांग्रेस के नवप्रभात को हराने में कामयाब रहे।
बीजेपी को 70 फीसदी मतदान में 51 और कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिला है।  इस सीट पर एक बार फिर मुन्ना सिंह चौहान और नवप्रभात का चुनावी मुकाबला हो रहा है।

सहसपुर विधानसभा सीट पिछली बार कांग्रेस के बागी आर्येंद्र शर्मा की वजह से चर्चित रही।

सहसपुर में 73 फीसदी वोट पड़े। बीजेपी के सहदेव पुंडीर ने यह सीट भले ही 19 हजार वोट से जीती और उनका वोट 41 प्रतिशत रहा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय 23 फीसदी और बागी आर्येंद्र 20 फीसदी यानि कुल 47 हजार वोट पाए हैं।कांग्रेस टिकट पर आर्येंद्र शर्मा अब बीजेपी के सहदेव पुंडीर का मुकाबला कर रहे हैं।  किशोर उपाध्याय अब बीजेपी टिकट पर टिहरी से प्रत्याशी हैं।
— भूपत सिंह बिष्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!