लालकुंआ नैनीताल – हरीश रावत को बीजेपी के मोहन बिष्ट की चुनौती !
नैनीताल जनपद में मात्र इंदिरा हृदयेश बचा पायी सीट, कांग्रेस पांच सीट हारी है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए नैनीताल जनपद के परिणाम निराशाजनक रहे हैं।
भीमताल में निर्दलीय राम सिंह कैड़ा ने बीजेपी के गोविंद बिष्ट और कांग्रेस के दान सिंह भंडारी को हराया। राम सिंह कैड़ा को 31 फीसदी, बीजेपी 26, कांग्रेस 24 और बसपा को 14 फीसदी वोट मिले हैं।
जीत का अंतर चार हजार के आसपास है। अब राम सिंह कैड़ा बीजेपी के और दान सिंह भंडारी दुबारा कांग्रेस प्रत्याशी बने हैं।
लाल कुँआ सीट हरीश रावत के चुनाव मैदान में होने से वीआईपी बन गई है।
2017 में बीजेपी के नवीन चंद्र दुमका ने कांग्रेस के हरीश चंद्र दुर्गापाल को 27 हजार वोट से हराया है। बीजेपी ने अपने विधायक का टिकट काटकर मोहन बिष्ट को उतारा है।
कांग्रेस ने पहले संध्या डालाकोटी को और फिर अचानक हरीश रावत इस सीट पर आ गए।
रामनगर सीट पर बीजेपी के दीवान सिंह बिष्ट ने कांग्रेस के रणजीत रावत को 8 हजार से अधिक वोटों से हराया है।
पहले रामनगर से हरीश रावत नामंकन भरने वाले थे। बताया गया कि रणजीत रावत के विरोध और बगावत थामने के लिए कांग्रेस ने टिकटों में हेर फेर किया है।
अब बीजेपी का मुकाबला महेंद्र पाल से है जो पहले कालाढुंगी में बंशीधर के खिलाफ ताल ठोक रहे थे।
कालाढुंगी सीट पर बीजेपी के बंशीधर भगत पिछली बार 20 हजार से ज्यादा वोट से जीत चुके हैं।
तब कांग्रेस के प्रकाश जोशी 25107, निर्दलीय महेश चंद्र को 20214, दूसरे निर्दलीय को 4294 व बसपा को दो हजार से ज्यादा वोट हासिल हुए।
इस बार कांग्रेस ने महेश शर्मा को कालाढुंगी से प्रत्याशी बनाया है।
नैनीताल सुरक्षित सीट यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य ने बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस की सरिता आर्य को 8 हजार वोटों से हराकर जीती है।
इस बार संजीव आर्य कांग्रेस के और सरिता आर्य दलबदल कर बीजेपी उम्मीदवार बन गए हैं।
हलद्वानी सीट कांग्रेस की बड़ी नेता इंदिरा हृदयेश ने बीजेपी के जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला से 6 हजार वोटों से जीती हैं।
इंदिरा हृदयेश के स्वर्गवास होने पर उन के बेटे सुमित हृदयेश को कांग्रेस ने बीजेपी मेयर जोगेंद्र पाल रौतेला के मुकाबले उतारा है।
मेयर चुनाव में बीजेपी के रौतेला पिछली बार सुमित हृदयेश को हरा चुके हैं।
यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में लौटने, हरीश रावत के लालकुंआ से लड़ने और इंदिरा हृदयेश की सहानुभूति लहर कांग्रेस के तरकश में नए तीर हैं।
— भूपत सिंह बिष्ट