उत्तराखंड चुनाव सरगर्मियां भाजपा व कांग्रेस प्रचार युद्ध में आगे !
अरविंद केजरीवाल की आप पिछड़ी तथा यूकेडी कुछ सीटों में सक्रिय।
पांचवी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की औपचारिक तारीख भले ही निर्वाचन आयोग ने तय ना की हों लेकिन बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है।
4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी रैली देहरादून में आयोजित है। देहरादून व हरिद्वार के विधायकों ने हजारों की संख्या में कार्यकर्ता लाने के दावे भरे हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक अब घर – घर मोदी की रैली के आमंत्रण देने की बात भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने आज पौड़ी में रोड़ शो किया। बीजेपी का युवा नेतृत्व धामी पूरे प्रदेश में अपनी धमक निरंतर बनाये हुए हैं।
कांग्रेस पार्टी जो पहले प्रचार में संकुचित रही अब देहरादून की मलीन बस्तियों में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम चौहान के साथ जोड़ी बनाकर रोड़ शो कर रही है।
हरीश रावत धीरे – धीरे पूरे फार्म में आ रहे हैं – हरिद्वार के काश्तकारों के बीच गन्ना मैन कहलाना चाहते हैं। कुमायू मंडल में हरीश रावत के लिए सांस्कृतिक आयोजन कांग्रेस की हवा बना रहे हैं।
2002 में हरीश रावत की कमर तोड़ परिश्रम से पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को परास्त कर दिया था। भले ही मुख्यमंत्री कुर्सी उत्तराखंड निर्माण के विरोधी स्वर्गीय नारायण दत तिवारी जी को मिल गई।
चुनाव प्रचार का अंदाज अनूठा है – भाजपा के पास पिछले पांच साल में तीन मुख्यमंत्री का रिकार्ड है।
उधर हरीश रावत अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य को उन के बेटे सहित कांग्रेस में लौटा लाने में सफल हुए हैं। अभी कई पूर्व कांग्रेसियों पर दलबदल की शंका बनी हुई है।
आम आदमी पार्टी जो अपने आगाज पर बड़ी पार्टियों का खेल खराब करती दिख रही थी। अब पूरी तरह अरविंद केजरीवाल की उत्तराखंड यात्रा पर टिकी हुई है।
केजरीवाल देहरादून, हलद्वानी और हरिद्वार में अपना जलवा दिखा चुके हैं। आप मुख्यमंत्री प्रत्याशी सेनि कर्नल अजय कोठियाल गढ़वाल व कुमायूं में दौरे कर रहे हैं लेकिन बड़ा नेता अभी उनके पाले में नहीं है।
यूकेडी में वरिष्ठतम नेताओं की तिकड़ी ने कब्जा जमा रखा है। नई युवा टीम को जगह काशी सिंह ऐरी नहीं दे पाये हैं। उलटे कई युवा चेहरे आप पार्टी में जा चुके हैं।
पदचिह्न टाइम्स।