Uncategorized

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नई उत्तराखंड सरकार का शपथ गठन !

बीजेपी मुख्यमंत्रियों ने आयोजन समारोह को भव्यता दी और कार्यकर्ताओं ने जोश - खरोश से अपने नेताओं का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नई उत्तराखंड सरकार शपथ गठन !
बीजेपी मुख्यमंत्रियों ने आयोजन समारोह को भव्यता दी और कार्यकर्ताओं ने जोश – खरोश से अपने नेताओं का स्वागत किया।

 

पांचवी विधानसभा के चुनाव परिणाम 10 मार्च को आ गए लेकिन तब पुष्कर सिंह धामी की हार ने बीजेपी की प्रचंड जीत को फीका कर दिया।

बीजेपी हाई कमान ने युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चुनाव में अगला सीएम चेहरा प्रोजेक्ट किया था।

आज पुष्कर सिंह धामी को हार के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने जीत का सेहरा बाँधकर – दुबारा मुख्यमंत्री की शपथ दिलायी और अपना वादा निभाया।

अब पुष्कर सिंह धामी को छह माह के भीतर विधानसभा में चुनकर आना है।  फिलहाल कोई सीट खाली नहीं है – उत्तराखंड विधानसभा की कुल 70 सीटों में बीजेपी 47, कांग्रेस 19, बहुजन समाजपार्टी 2 और 2 सीटों में निर्दलीय जीतकर आये हैं।

अब नए मुख्यमंत्री के लिए विपक्षी सदस्य सीट छोड़ता है तो यह प्रलोभन के बिना संभव नहीं हो पायेगा।  बीजेपी विधायक अपने मुख्यमंत्री के लिए सीट खाली करते हैं तो भी नेतृत्व के लिए यह नई परिपाटी बनेगी।

बीजेपी को नया नेता चुनने में दो सप्ताह का समय लगा – उत्तराखंड ने स्थापना के 20 वर्षों में 12 मुख्यमंत्री देख लिए हैं और सबसे ज्यादा संख्या अब बीजेपी के खाते में हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने शिरकत की है।

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल, मध्य प्रदेश, गोवा, असम, त्रिपुरा आदि के मुख्यमंत्रियों ने धामी सरकार की हौंसला अफजायी की है।

 


बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनकी टीम , प्रदेश पदाधिकारी और हजारों कार्यकर्ताओं ने शपथ ग्रहण और सरकार गठन समारोह में दिल से शिरकत की है।

बिना किसी संशय के 8सदस्यीय मंत्री मंडल को भी शपथ दिला दी गई ताकि हाईकमान के आगे विरोध जताने की गुंजाइश ही ना रहे।

SATPAL MAHARAJ , CABINET MINISTER UTTARAKHAND

सतपाल महाराज को वरिष्ठता के बावजूद मुख्यमंत्री पद नसीब नहीं हुआ और वे चौथी बार बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाये गए हैं।

सतपाल महाराज पौड़ी गढ़वाल की चौबट्टाखाल सीट से 11430 वोट से जीतकर आए हैं। पहले कांग्रेस और तिवारी कांग्रेस से सांसद, केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्रि रह चुके हैं।

DHAN SINGH RAWAT , CABINET MINISTER

पौड़ी जनपद के दूसरे मंत्री धन सिंह रावत श्रीनगर सीट पर 587 वोट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को दूसरी बार हराने में कामयाब रहे हैं।

ऋषिकेश सीट से निर्वाचित प्रेम अग्रवाल आरएसएस प्रगाढ़ता से कैबिनेट मंत्री बनाये गए हैं और पिछली बार के विधानसभा अध्यक्ष हैं।

PREM AGARWAL CABINET MINISTER

इस बार विधानसभा अध्यक्ष के बदले सरकार में काम करने की ख्वाहिश जाहिर कर चुके थे। इस बार प्रेम अग्रवाल 19057 के रिकार्ड अंतर से जीते हैं।

देहरादून जनपद से दूसरे मंत्री गणेश जोशी मसूरी विधानसभा से 15325 वोट से जीतकर आए हैं और दूसरी बार सरकार में मंत्री बनाए गए हैं।

नरेंद्र नगर टिहरी से सुबोध उनियाल को फिर कैबिनेट में लिया गया है। इस बार उन की जीत का अंतर 1798 रहा है।


टिहरी जनपद से मंत्री पद की दौड़ में प्रीतम पंवार धनोल्टी से और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय टिहरी से दावेदार चल रहे थे।

 


रेखा आर्य को दुबारा मंत्रीमंडल में जगह मिली है और इस बार सोमेश्वर सुरक्षित सीट पर रेखा आर्य की जीत 5293 वोटों से हुई है।

 

CHANDAN RAM DAS

बागेश्वर सुरक्षित सीट से चंदन राम दास ने 12141 वोट से जीत हासिल की है और यह सबसे सुरक्षित सीट बीजेपी को देने वाले चंदन राम दास को पांचवी विधानसभा में मंत्री पद देकर पुरस्कृत किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी के साथ सबसे युवा चेहरा सौरभ बहुगुणा उधमसिंह नगर जनपद की सितारगंज सीट से

SAURABH BAHUGUNA

निर्वाचित हुए हैं।
पुर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा दूसरी बार 10938 वोट से जीतकर आए हैं और मंत्री बनने में कामयाब रहे।
निश्चय ही चुनाव के समय पिता विजय बहुगुणा की सक्रियता का योगदान सौरभ बहुगुणा को मिला है।

2015 में कांग्रेस से दल बदलकर आए नेताओं में सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा यानि आठ में से चार मंत्री पद पा गए हैं।

अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता बिशन सिंह चुफाल, वंशीधर भगत, अरविंद पांडेय, खजान दास, रीतु खंडूडी भूषण, दीवान सिंह बिष्ट, मदन कौशिक और कांग्रेस या विपक्ष से आए उमेश शर्मा काऊ, प्रीतम पंवार, मोहन सिंह बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, मुन्ना चौहान आदि को सरकार में समायोजित करना मुश्किल भरी चुनौती है।

बीजेपी ने हारे विधायक को नेता सदन बनाकर नई परिपाटी शुरू की है – ऐसा अवसर मुख्यमंत्री रहते चुनाव हारे जनरल बीसी खंडूडी और प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल को नहीं मिला है।

अब चुनाव हारे उत्तर प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी समायोजित करने की राह बन गई है।
– भूपत सिंह बिष्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!