अब शीतकाल में केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट बंद !
विधि विधान से भैयादूज पर गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट बंद तथा 27 अक्टूबर से बाबा केदारनाथ शीत समाधि में गए।
अब शीतकाल में केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट बंद !
विधि विधान से भैयादूज पर गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट बंद तथा 27 अक्टूबर से बाबा केदारनाथ शीत समाधि में गए।
उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों में तीन आज शीतकाल में अगले छह माह के लिए बंद हो गए हैं।
19 नवंबर को अब श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने हैं – तब श्री बदरीनाथ भगवान बैकुंठ धाम प्रस्थान करते हैं।
श्री गंगोत्री व श्री यमुनोत्री धाम कल और बाबा केदारनाथ धाम आज बंद हो गए।
मान्यता है कि अब इन धामों में देवपूजन देवतागण करते हैं।
इस बार चार धाम यात्रा में यात्रियों का आंकड़ा 40 लाख को पार कर गया है।
जाहिर है कि सरकार को स्थानीय उद्यमियों के सहयोग से व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन लाना है।
सड़क, परिवहन, आवास, भोजन, स्वास्थ्य और साफ सफाई की सेवायें पर्यटन और तीर्थाटन के लिए आधारभूत इकाई हैं।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर बृहस्पतिवार प्रात: साढे आठ बजे शीतकाल हेतु बंद हो गए।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत आज केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से मंदिर परिक्रमा के बाद अंदर प्रतिष्ठित किया गया।
भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर हेतु रवाना हो गई है।
28 अक्टूबर को पंचमुखी डोली द्वितीय पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी रहेगा।
29 अक्टूबर को पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
यहां अगले छह माह तक श्रद्धालु भगवान केदारनाथ की अर्चना करते हैं।
पदचिह्न टाइम्स।