
उत्तराखंड राजनीति में मंत्री प्रेम अग्रवाल इस्तीफे के मायने !
बजट सत्र में जुबान फिसलने पर नहीं हो पाया डैमेज कंट्रोल – नेगी दा ने गाया विदा गीत।
उत्तराखंड में बीजेपी राजनीति के मुफीद मंत्री प्रेम अग्रवाल ने इस्तीफा मुख्यत्री धामी को
सौंप दिया।
पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री और संघ के लाडले प्रेम की मंत्री पद से विदाई उत्तराखंड राजनीति में
नये अध्याय खोल रही है।
बजट सत्र के दौरान प्रेम अग्रवाल आपा खो बैठे और विपक्ष के शब्द जाल में फंस कर रह गए।
संसदीय मंत्री और वित्तमंत्री प्रेम अग्रवाल ने तैश में आकर विधायी पत्रकों को मेज पर रखा और
पहले विपक्ष से निपटारा करने के लिए खरी खोटी सुनाना शुरू कर दिया।
स्पीकर भी मामले की नजाकत को न भांप सकी और विधायक लखपत बुटोला के सदन छोड़ने का
मामला आग में घी डालने वाला साबित हुआ।
मेयर चुनाव से ऋषिकेश राजनीति में सुलग रहा विद्वेष चरम पर आ गया।
पुतले फूंकने का दौर पूरे प्रदेश में शुरू हो गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चकराता विधायक
प्रीतम सिंह ने संसदीय मंत्री की समिति का बहिष्कार करने का निर्णय जारी कर दिया।
विधायक लखपत बुटोला ने आरोप लगाये कि मंत्री अहंकार में पहाड़ के विधायकों की निरंतर
उपेक्षा और अपमान करते हैं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री के अपशब्दों को गढ़वाल सांसद राष्ट्रीय प्रवक्ता
ने उपयुक्त मंच पर रखने की बात कहकर स्पष्ट किया कि इस बार मंत्री जी के विवादों पर
आरपार होना तय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के बीच वरिष्ठ मंत्री की अनुपस्थिति तमाम संशय
बनाती रही। प्रेम अग्रवाल को होली में नागरिकों के मध्य उल्लसित ठुमकते भी देखा गया
मानो सब ठीक चल रहा है।

नरेंद्र सिंह नेगी जी का होली गीत ” मत मारो प्रेम लाला पिचकारी ” आखिरकार मंत्री जी का
विदा गीत साबित हो गया।
उत्तराखंड राज्य का बजट सत्र 2021 के बाद फिर एक और मंत्री की कुर्सी लील गया।
– भूपत सिंह बिष्ट ।