देवभूमि को नशामुक्त बनाने में पुलिस की मुख्य भूमिका – मुख्यमंत्री धामी !
स्मार्ट पुलिसिंग के लिए तीन दिवसीय उत्तराखण्ड पुलिस मंथन-चुनौतियाँ एवं समाधान का मुख्यमंत्री धामी ने उदघाटन किया।
देवभूमि उत्तराखंड में अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पुलिस की प्रभावी भूमिका पर मंथन शुरू हुआ।
अंकिता भंडारी हत्याकांड और अन्य सनसनी खेज मामलों में उत्तराखंड सरकार को बदनामी झेलनी पड़ी है।
छोटे राज्यों में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए स्मार्ट पुलिसिंग पर फोकस जरूरी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पुलिस मुख्यालय में “उत्तराखण्ड पुलिस मंथन-चुनौतियाँ एवं समाधान”
कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा – उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट एवं सशक्त बनाने के लिए फिटनेस और
पर्सेप्शन मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा इस मंथन कार्यक्रम में कानून और व्यवस्था को और मजबूत बनाने एवं
जन सरोकारों से जुड़े मामलों पर रूपरेखा तय होगी।
देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक नशामुक्त बनाने का लक्ष्य है और पुलिस की ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा – 2023 में पुलिस कांस्टेबल के 1000 पदों पर भर्ती होनी है।
वर्तमान में 1521 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
अल्मोड़ा व श्रीनगर महिला थानों में साइबर थाने खोले जाएँगे।
मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए बाहरी लोगों के सत्यापन का अभियान लगातार चलाया जाए व भ्रष्टाचार करने वालों पर सख्त कारवाई करें।
ट्रैफिक व्यवस्थाओं का बेहतर संचालन और जन शिकायतों का त्वरित निस्तारण , नो पेंडेंसी तर्ज पर किये जाएं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एडीजी पी.वी.के प्रसाद, अमित कुमार सिन्हा, वी. मुरूगेशन, आईजी ए.पी अंशुमन, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पदचिह्न टाइम्स।