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पीएम नरेंद्र मोदी की  “मन की बात” में  छाये  उत्तराखंडी युवा !

 प्रधानमंत्री ने देश को बताये  उत्तराखंडी  युवाओं के पर्यावरण, लोक संस्कृति, स्वच्छता में योगदान  । 

पीएम नरेंद्र मोदी की  “मन की बात” में  छाये  उत्तराखंडी युवा !

 प्रधानमंत्री ने देश को बताये  उत्तराखंडी  युवाओं के पर्यावरण, लोक संस्कृति, स्वच्छता का योगदान  । 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है।

कोई भी विशेष अवसर हो या कार्यक्रम, प्रधानमंत्री उत्तराखंड का जिक्र करना नहीं भूलते।

पीएम के “मन की बात कार्यक्रम” में उत्तराखंड छाया रहा है। लोक संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण,

स्वास्थ्य, स्वच्छता, समाजसेवा आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे युवाओं, महिलाओं और

अन्य नागरिकों के योगदान को प्रधानमंत्री मोदी ने सराहा ही नहीं है बल्कि विस्तार से

देशवासियों के सामने भी रखा है।

विगत 25 सितंबर को प्रधानमंत्री ने “मन की बात” कार्यक्रम के 105वें संस्करण में

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के उत्साही युवाओं की अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी के सम्बंध में

पूरे देशवासियों को बताया। यहाँ  युवा कोटाबाग के दुर्गम इलाकों में घोड़े पर 

बच्चों के लिए  निःशुल्क पाठ्य सामग्री पहुंचा रहे हैं।

पीएम मोदी ने इन युवाओं की सराहना कर उनके कार्य को प्रेरणादायक बताया।

इससे पहले 18 जून को नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक निवासी डीगर सिंह मेवाड़ी का

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जिक्र किया।
ककोड़ गांव के प्रधान डीगर सिंह ने टीबी की बीमारी से जूझ रहे छह लोगों को

गोद लिया है। वे इनका इलाज कराने के साथ ही उन्हें दवा भी उपलब्ध करा रहे हैं।

रुद्रप्रयाग के मनोज बैंजवाल, गुप्तकाशी के सुरेंद्र प्रसाद बगवाड़ी,

बागेश्वर की एएनएम पूनम नौटियाल, देहरादून की छात्रा गायत्री, पौड़ी जिले के रिटायर्ड शिक्षक

सचिदानंद भारती, बागेश्वर के पूरनसिंह राठौर, गुप्तकाशी की चंपा देवी का “मन की बात” कार्यक्रम में

उल्लेख कर प्रधानमंत्री ने उनके कार्य को सराहा है।

SMT & SH PUSHKAR DHAMI WITH PM NARENDRA MODI

मनोज बैंजवाल ने पवित्र स्थलों को प्लास्टिक कचरे और गंदगी से मुक्त करने का

बीड़ा उठाया है।

पूरनसिंह राठौर उत्तराखंड की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।

पर्यावरणविद सचिदानंद भारती बारिश के पानी के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं।

वे अब तक हजारों चाल खाल बनाकर पानी का संग्रहण कर चुके हैं।

एएनएम पूनम नौटियाल ने कोरोनाकाल में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।

पूनम 10 से 15 किमी का पैदल सफर तय कर कोविड का टीका लगाने पहुंची।

गुप्तकाशी की भोजनमाता चम्पादेवी ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए

लोगों को जागरूक किया।

केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित सुरेंद्र सिंह बगवाड़ी की स्वच्छता अभियान में

सराहनीय भूमिका रही है।

पदचिह्न टाइम्स

 

 

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