आधी दुनिया/ महिला विमर्शधर्म/ अध्यात्म/ ज्योतिषविविधसमाज/लोक/संस्कृति

 रविवार 30 मार्च 2025 – वैदिक नववर्ष विक्रम संवत 2082 का पहला दिन – पहला नवरात्र !

देश में चैत्र नवरात्र - नौ दिवसीय देवी दुर्गा उत्सव, महाराष्ट्र क्षेत्र गुड़ी पड़वा, दक्षिण भारत - उगादी, सिंधी हिन्दुओं के लिए - चेटी चंड भगवान झूले लाल का जयंती समारोह ।

 

 रविवार 30 मार्च 2025 – वैदिक नववर्ष विक्रम संवत 2082 का पहला दिन – पहला नवरात्र  !

 देश में पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक धार्मिक उत्सवों की धूमधाम से नए सम्वतसर का स्वागत। 

 

 30 मार्च 2025 को चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा है और इस दिन 

नववर्ष विक्रम संवत 2082 का पहले नवरात्र से आरम्भ हो रहा है। 

सम्पूर्ण उत्तर भारत में  चैत्र मास की माँ दुर्गा पूजा का नवरात्र महोत्सव  घर और मंदिरों में

विशेष संकल्प की धार्मिक पूजा पाठ से आरम्भ हो जायेगा। 

नौ दिन की दुर्गा स्तुति और भगवान राम का जन्म उत्सव रामनवमी भी चैत्र मास 

शुक्ल पक्ष में संपन्न होनी  है। 

 

देश में महाराष्ट्र क्षेत्र में  गुड़ी पड़वा (विजय पताका दिवस – नौ दिवसीय देवी दुर्गा उत्सव),

दक्षिण भारत में उगादी उत्सव , सिंधी – हिंदू अपने  वरूण अवतार भगवान झूले लाल की

जयंती – चेटी चंड उत्सव का धूमधाम से आयोजन  है। 

सनातन परम्परा में माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा के  दिन

सृष्टि की रचना की  है। 

हमारे चार युग – सतयुग , त्रेता , द्वापर और कलियुग का कालखंड 43 लाख 20 हजार साल 

तक विस्तृत है। अत : सतयुग का आरम्भ भी वैदिक तिथि अनुसार चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा

को माना गया है। 

 

भारतीय वैदिक पंचांग के अनुसार हर पखवाड़े यानि पक्ष में पहला दिन प्रतिपदा कहलाता है।
अत: पूर्णिमा के बाद कृष्णपक्ष की प्रतिपदा और अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा आती है।
इस प्रकार प्रत्येक चंद्र मास में दो प्रतिपदा होती हैं।

वैदिक पंचांग में वार , तिथि , नक्षत्र , योग और करण की गणना ज्योतिष शास्त्र के 

अनुरूप की जाती है। कृष्णपक्ष यानि अमावस्या कारण से  धार्मिक उत्सवों के लिए यह पक्ष 

शुभ नहीं माना जाता है सो चैत्र मास  में सभी उत्सव शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के

अनुरूप तय हैं।

वर्ष में 12 पूर्णिमा और 12 अमावस्या होती हैं लेकिन मल मास वाले वर्ष में 

13 पूर्णिमा मनायी जाती हैं। 

विक्रम सम्वत का नया वर्ष 2082 अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है तथा प्रतापी सम्राट

चंद्र गुप्त विक्रमादित्य के नाम से यह संवत्सर जाना गया है। सामान्यता विक्रम सम्वत में 

354 दिन होते हैं और 3 साल बाद इस में एक मास का योग होता है।

हर सम्वत में  दो बार खर मास आते हैं – जब सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करता है।

यह समय अंग्रेजी माह में मार्च – अप्रैल तथा दिसम्बर – जनवरी मास में पड़ता है। 

 

अब नववर्ष  में वैदिक माह और अंग्रेजी कैलेंडर की गणना इस प्रकार

की जा सकती है –

चैत्र – वैशाख         – APRIL,
वैशाख – ज्येष्ठ       – MAY,
ज्येष्ठ – आषाढ़      –  JUNE,
आषाढ़ – श्रावण    – JULY,
श्रावण – भाद्र     –   AUGUST,
भाद्र – अश्विन    –   SEPTEMBER,
अश्विन – कार्तिक    – OCTOBER,
कार्तिक – मार्गशीर्ष – NOVEMBER,
मार्गशीर्ष, – पौष  –   DECEMBER,
पौष – माघ      –      JANUARY ,
माघ – फाल्गुन    –  FEBURARY,
फाल्गुन – चैत्र      –  MARCH

पदचिह्न टाइम्स।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!