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हिमाचल प्रदेश में ढाई लाख शिव – भक्तों की पवित्र मणि महेश यात्रा !

जन्माष्टमी 19 अगस्त से राधा अष्टमी 2 सितंबर तक शिव भक्त मणि महेश दर्शन को पहुंचे।

हिमाचल प्रदेश में ढाई लाख शिव – भक्तों की पवित्र मणि महेश यात्रा !

जन्माष्टमी 19 अगस्त से राधा अष्टमी 2 सितंबर तक  शिव भक्त मणि महेश दर्शन को पहुंचे।

मणिमहेश दर्शन के लिए प्रमुख स्थल हिमाचल प्रदेश में भरमौर, चम्बा है।

शिव भक्तों का जमावड़ा यहाँ बर्फीली डल झील ” गौरीकुँड” में जन्माष्टमी के दिन छोटा स्नान पर जुटना शुरू होता है और ” राधा अष्टमी ” के शाही स्नान के बाद इस यात्रा उत्सव की समाप्ती होती है।

हड़सर से मणिमहेश शिखर दर्शन की पदयात्रा 13 किमी (दुर्गम खड़ी चढ़ाई 12 हजार फीट तक) एक तरफ तय करनी होती है।

आधे रास्ते में रावी की जलधारा के समीप ” धनछौ ” में अस्थायी टेंट कालोनी यात्रियों के लिए बनायी जाती हैं।

इस बार मणिमहेश यात्रा का आयोजन 19 अगस्त जन्माष्टमी से 2 सितंबर राधा अष्टमी तक एक पखवाड़े तक रहा।

दशानन आश्रम चंबा से पवित्र छड़ी की एक सप्ताह की पैदल यात्रा में शैव मत के साधु संत और तमाम यात्रियों ने शिरकत की।

एक सप्ताह की पवित्र छड़ी यात्रा ने डल झील में 2 सितंबर को शाही स्नान में भाग लेकर मणि महेश यात्रा को विराम दिया।

इस साल बारिश होने से चंबा पहुंचने वाले कई मार्ग टूटने से यात्रा में कुछ दिनों की बाधा हुई।

सामान्यता शिव भक्तों के लिए हड़सर – गौरीकुँड पैदल मार्ग पर या चम्बा – भरमौर – हड़सर तक मोटर मार्ग पर हजारों यात्रियों के लिए भोजन और जलपान की लंगर व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है।

दो साल कोरोना महामारी ने मणिमहेश यात्रा को भी फीका कर दिया।

सुरक्षा कारणों से जिला प्रशासन ने मणिमहेशयात्रा पोर्टल पर यात्रियों का आनलाइन पंजीकरण कराया।

इस साल मणि महेश पहुंचने वाले शिव भक्तों की संख्या ढाई लाख का आंकड़ा पार कर गई है।

भरमौर की संस्कृति व गद्दी जनजाति की अनुपम विरासत का सनातन शैवमत से अटूट गठबंधन है।

चौरासी मंदिर, ब्रामणी देवी मंदिर का वास्तुशिल्प इस सुदूर हिमालयी क्षेत्र को प्रमुख अध्यात्मिक केंद्र बनाये हुए है।

मणिमहेश दर्शन का पुण्य पाने के लिए शिव का आशीर्वाद और जीवटपन होना भी जरूरी है।

भरमौर में शिव पुजारी “चेला” कहलाते हैं और अपने समाज में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

इस वर्ष भी सरकार ने दो हैलीकोप्टर कंपनियों को भरमौर से मणिमहेश यात्रा की अनुमति दी।

हैली किराया लगभग आठ हजार आम यात्री की पहुंच से बाहर है।

हैली किराया का एक हिस्सा मणिमहेश न्यास को मिलने की बात होती है।

शिवभक्तों के लिए हिमाचल प्रदेश में मणिमहेश यात्रा एक रौमांचक अनुभव है।

— भूपत सिंह बिष्ट

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