केरल का पर्यटक नगर अलिपूजा अब डल झील के मुकाबिल !
दक्षिण भारत के भ्रमण में समुद्री तट पर बसा केरल - इस की हरियाली, दो मानसून सत्र और भोजन सब लाज़वाब।
केरल का पर्यटक नगर अलिपूजा अब डल झील के मुकाबिल !
दक्षिण भारत के भ्रमण में समुद्री तट पर बसा केरल – इस की हरियाली, दो मानसून सत्र और भोजन सब लाज़वाब।
त्रिवेंद्रम से ड्राइव करते हुए अलिपूजा ,तीन सौ किमी का लम्बा और सुखद सफर है। केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम से कोलम जनपद को पार कर अलिपूज़ा जनपद में प्रवेश करते हैं।
केरल के समुद्र तट से सटे ये जनपद और नगर रिवर बैक या लैगून के नाम से भी जाने जाते है।
अल्लिपूजा में श्रीनगर की डल झील की तरह शिकारा, हाउस बोट, मोटर बोट का पर्यटन अब बहुत बड़े पैमाने पर शुरु हो गया है।
कश्मीर की अशांति के कारण केरल में जल पर्यटन ने एक नया कीर्त्तिमान बनाया है।
विदेशी पर्यटकों को यहां केनोयन करते देखा जा सकता है।
दो मंजिल फेरी या बड़ी मोटर बोट साठ रुपये में एक घंटे तक रिवर्स रीवर पर एक कोने से दूसरे कोने तक लोकल पैसंजर को उतारती – चढ़ाती हैं। पर्यटकों को भी नयनाभिराम फोटोग्राफी के अवसर मिलते हैं।
केरल का आंचलिक भोजन एकदम सुपाच्य है सो खानपान की समस्या नहीं है। कोटायम से तीन घंटे में अंग्रेजों के बसाये नगर मुन्नार पहुंच सकते हैं।
तमिलनाडु सीमा पर स्थिता मुन्नार अपने चाय बागानों और प्राकृतिक सुंदरता के कारण अब विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बन चुका है।
— भूपत सिंह बिष्ट