अब साइबर फ्राड में रक्षक 155260 नंबर याद कीजिए !
करोड़ो रूपये वापस दिला चुका है यह हेल्प लाइन नंबर।
अगर आप के साथ किसी ने मोबाइल पर ठगी कर दी है – आप के बैंक खाते से, एटीएम से या किसी दूसरे खाते में आनलाइन पैसे जमा करा लिए हैं तो निश्चय मानिए 155260 नंबर भारत सरकार ने साइबर ठगों को चौबीस घंटे में बेनकाब करने और आप की रकम वापस दिलाने के लिए बनाया है।
पहले 24 घंटे में शिकायत दर्ज करायें —
जान लीजिए जो मोबाइल नंबर आप के बैंक खाते में दर्ज हैं – रिपोर्ट उसी नंबर से दर्ज करानी है।
पहले 24 घंटे में पूरी रकम वापस आने की संभावना शत – प्रतिशत है।
ऐसे काम करता है सिस्टम —
साइबर ठग आप के खाते से राशि दूसरे खाते में, फिर तीसरे और चौथे खाते में ट्रांसफर कर के ट्रांजेक्सन ट्रेल को जांच में उलझा देते हैं।
भारत सरकार ने इस के तोड़ में 155260 नंबर जारी किया है और सिस्टम तुरंत आप की जानकारी को रिजर्व बैंक इंडिया से लेकर, संबंधित बैंक और अन्य बैंकों को भी एलर्ट के रूप में जारी कर देता है।
भले ही रकम एक बैंक से दूसरे बैंक में गई हो 155260 नंबर पर शिकायत दर्ज कराने से यह जानकारी सभी बैंकों और आन लाइन काम कर रहे तमाम वैलेट तक पहुंच जाती है और सूचना मिलते ही बीच में ट्रांजेक्सन रकम जब्त कर ली जाती है।
अगर ठग पैसे निकालने में कामयाब हो भी जायें तो तुरंत उन की धरपकड़ में 155260 साइबर रक्षक की भूमिका में आ जाता है।
आप पोर्टल पर भी शिकायत करें —
cybercrime.gov.in
किसी कारण वश देर हो जाने पर अपनी शिकायत भारत सरकार के नेशनल साइबर क्राइम पौर्टल पर भी दर्ज करा सकते हैं।
मोबाइल पर आप को अपने खाते की संख्या, कार्ड नंबर, जिस खाते में पैसा गया या ठग द्वारा अपनाया गया पूरा तरीका सांझा करना है ताकि जल्दी से जल्दी आप की ट्रांजेक्सन को ढूंड कर ब्लाक किया जाए और रकम वापस खाते में आ सके।
फिलहाल यह नंबर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, छतीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश में चौबीस घंटे काम कर रहा है।
अन्य राज्यों में 155260 सुबह दस बजे से शाम 6 बजे तक काम करता है।
नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत कभी भी दर्ज करायी जा सकती है।
पदचिह्न टाइम्स।