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लोकतंत्र में चुनाव आयोग की भूमिका और निष्पक्ष विधायिका का निर्वाचन !

नेता विपक्ष राहुल गाँधी के वोट चोरी के आरोपों के बाद वोट फोर डेमोक्रेसी ने महाराष्ट्र चुनाव पर सवाल उठाये। 

 

लोकतंत्र में चुनाव आयोग की भूमिका और निष्पक्ष विधायिका का निर्वाचन !

नेता विपक्ष राहुल गाँधी के वोट चोरी के आरोपों के बाद वोट फोर डेमोक्रेसी ने महाराष्ट्र चुनाव पर सवाल उठाये।

 

नेता विपक्ष राहुल गाँधी और इंडिया गठबंधन के वोट चोरी के आरोपों से घिरे चुनाव आयोग ने अर्से बाद रविवार 

को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर ली है।  

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया साँझा की और वोटर लिस्ट बनने और

चुनाव परिणाम घोषित होने के नियत समय पर आपत्ति दर्ज करने का नियम बताया। 

वोटर लिस्ट बनाने में बूथ लेवल अधिकारी ,  निर्वाचन अधिकारी और पोलिटिकल पार्टी के बूथ लेवल 

सहायकों को अंतरिम जिम्मेदार ठहराया है। 

विपक्ष और पत्रकारों के अधिकांश सवालों के जवाब छूट गए या फिर नियम – कायदे पढ़ लिए गय। 

वोट फॉर डेमोक्रेसी संस्था ने नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का विस्तृत विश्लेषण 

कर फिर से चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किये हैं। 

वोट फॉर डेमोक्रेसी ने अपनी रिपोर्ट (हिन्दू में जारी) में बताया है कि भारत के  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम 

में  चिप – जिसमे वोट दर्ज होते हैं  , वीवी पैट – वोट दर्ज करने वाली पर्ची , सिंबल लोडिंग यूनिट और

वोटर लिस्ट चार प्रमुख घटक हैं। सिंबल लोडिंग यूनिट में इंटरनेट का प्रयोग होने से इवीएम पर 

तमाम शंका जन्म  लेती  हैं। 

वोटर लिस्ट में असंगत नाम जोड़ने को राहुल गाँधी ने वोट चोरी बताया है और  बंगलोर संसदीय सीट 

की महादेवपुरा विधानसभा में एक लाख से अधिक बोगस वोट होने पर प्रेस वार्ता की है। उनका दावा 

तमाम चुनाव में नाम जोड़कर और काट कर वोट चोरी की जा रही है। 

नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सभी 288 सीटों का डाटा वोट फॉर डेमोक्रेसी ने

जारी किया है और लोकसभा और विधानसभा के बीच भारी गड़बड़ी का आरोप पत्र बनाया है। 

नांदेड़ ,जलगांव , हिंगोली , शोलापुर , बीड़ और धुले में मध्य रात्रि तक रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग दर्ज हुई। 

मई लोकसभा और नवंबर विधानसभा के दौरान 85 विधानसभा क्षेत्रों के 12  हजार बूथों पर 46 लाख 

वोटर बढ़ गए – जहां एनडीए लोकसभा हारा है। 

वोटिंग समाप्त समय 5 बजे के बाद देर रात तक लगभग 48 लाख वोट पड़ें हैं और चुनाव आयोग 

इन लम्बी कतारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जारी करने की जगह 45 दिन में मिटाने का कानून लेकर 

आ गया है। 

महाराष्ट्र में 25 विधानसभा सीटों पर जीत का अंतर 3 हजार से कम और 69 सीटों में जीत का 

अंतर 10 हजार वोट के आसपास है। इस कारण वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और काटने में धांधली 

के आरोप उठ रहें हैं। 

वोट फोर डेमोक्रेसी नागरिक संस्था के लिए रिपोर्ट बनाने में  चुनाव विशेषज्ञ एम जी देवश्याम रिटायर

आई ए एस , प्रोफेसर प्यारे लाल गर्ग , कंप्यूटर विशेषज्ञ माधव देशपांडे और आईआईटी कानपुर के पूर्व 

कंप्यूटर विज्ञान प्रोफेसर हरीश कार्निक शामिल रहे। 

वोट फोर डेमोक्रेसी ने चेताया है कि आयोग के  लापरवाह रवैये , चुनाव आयोग के डाटा में त्रुटियां और

कर्मियों की जवाबदेही ना होने से  हमारा चुनाव सिस्टम अब पोलिटिकल पार्टियों के लिए नया हथियार

बन गया है। 

पदचिह्न टाइम्स। 

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