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स्मार्ट सिटी में स्मार्ट टायलेट : अन्य काम पिछड़ गए !

12.33 करोड़ लागत की मार्डन दून लाइब्रेरी पर सबकी निगाहें।

स्मार्ट सिटी में स्मार्ट टायलेट : अन्य काम पिछड़ गए ! !

12.33 करोड़ लागत की मार्डन दून लाइब्रेरी पर सबकी निगाहें।

 

भाजपा के पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ी धूमधाम से स्मार्ट सिटी निर्माण परियोजना का श्रीगणेश किया लेकिन इस परियोजना की प्राथमिकतायें तय ना होने से देश के नामी शहर की हालत अभी तक पतली बनी हुई है।

स्मार्ट सिटी में सीमित संख्या में दौड़ती इलैक्ट्रिक बसें एक उपलब्धि बनी हैं लेकिन अन्य काम पूरे होने में नहीं आ पा रहे हैं। इस बीच त्रिवेंद्र रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत, मुख्यमंत्री बनाए गए लेकिन स्मार्ट सिटी की परियोजना अपनी ढुलमुल रफ्तार पर बनी रही।

शहर के नामचीन पलटन बाजार को स्मार्ट बनाने की ज़िद , आज भी पूरी नहीं हो पायी है – मुख्यमंत्री तीरथ रावत जी ने तत्कालीन सीइओ को अपनी ओर से एक सप्ताह अधिक का समय पलटन बाजार को फिर से सामान्य कामकाज लायक बनाने के लिए दिया था।
अब कांग्रेस देहरादून दल स्मार्ट सिटी कामकाज को पांचवी विधानसभा में चुनावी मुद्दा बना रही है कि भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली और योजनायें स्मार्ट सिटी की तरह समझी जा सकती हैं।

देहरादून नगर के मध्य खुला स्थान परेड ग्रांउड नगर की पहचान रहा है। पुरानी पीढ़ी ने साइकिल तो नई पीढ़ी ने यहां कार चलाना सीखा है। रावण दहन से लेकर, तमाम सर्कस, मेले, सरकारी व गैर सरकारी प्रदर्शिनियों के लिए यह मैदान सबका चेहता रहा है।

देश के सभी बड़े नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, लालकृष्ण आडवाणी जी, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मायावती से लेकर, हेमवतीनंदन बहुगुणा और विश्व हिंदू परिषद की अनेक बड़ी रैलियों का गवाह परेड ग्रांउड अब शायद ही किसी नेता की रैली के लिए सुलभ हो पाये।

पूरे परेडग्रांउड में रेत, बजरी, सरिया, कंक्रीट बिखरा पड़ा है – अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि यहां तालाब बनेगा या हरियाली पर कंक्रीट का जंगल उगना है।

कनक चौराहे पर स्मार्ट टायलेट भवन इस परियोजना पर बड़ा प्रश्न चिह्न लगाता है। स्मार्ट सिटी में स्मार्ट टायलेट कितने जरूरी हैं वो भी प्रवेश मुहाने में क्या सोचकर बना है ! वैसे परेड ग्रांउड के दो अन्य कोनों पर नगर निगम व सुलभ शौचालय ने पहले से ही टायलेट बना रखे हैं।
परेड ग्रांउड के एक बड़े हिस्से में स्पोर्टस परिसर काबिज है और पंत चौक के पास मार्डन लाइब्रेरी की भव्य इमारत निर्माण के अंतिम दौर में है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने लाइब्रेरी भवन के लिए 12 करोड़ 33 लाख रूपये दिए हैं। दो साल में मार्डन लाइब्रेरी भवन को तैयार होना है और 15 नवंबर 2021को दो साल पूरे हो जायेंगे। मार्डन लाइब्रेरी भवन ही स्मार्ट सिटी परियोजना का गिनने लायक काम दिखता है।

शहर में हर सौ – दो सौ मीटर पर इलैक्ट्रानिक ट्रैफिक बत्तियां टंग गई हैं और इन से ट्रैफिक साधना आसान नहीं है। घंटाघर पर पार्किंग बनाकर स्मार्ट सिटी के ट्रैफिक प्लान में सबसे बड़ा छेद देखा जा सकता है। वार्डों का कूड़ा भी पहले सड़क पर गिराया जाता है और फिर गाड़ियों से उठाने की कार्रवाई होती है।

चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी की तरह पार्किंग शुल्क दस रूपये नहीं बल्कि हर घंटे के हिसाब से वसूला जा रहा है।

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 7 नवंबर 2021 को देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड अब अपने किस कार्य का लोकार्पण कराती है — दून के प्रबुद्ध नागरिक बेताबी से प्रतीक्षा में हैं।
पदचिह्न टाइम्स।

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