ओजस्वी शब्दों के धनी आचार्य धर्मेंद्र का 80 वर्ष में महाप्रयाण !
श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में पहली पंक्ति के महारथी आचार्य धर्मेंद्र विश्व हिंदू परिषद से जुड़े थे।
ओजस्वी शब्दों के धनी आचार्य धर्मेंद्र का 80 वर्ष में महाप्रयाण !
श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में पहली पंक्ति के महारथी आचार्य धर्मेंद्र विश्व हिंदू परिषद से जुड़े थे।
रामानंदी संत आचार्य धर्मेंद्र ने 80 साल की आयु में जयपुर के संवाई माधो सिंह अस्पताल में अंतिम सांस ली।
9 जनवरी 1942 को गुजरात में जन्मे आचार्य धर्मेंद्र ओजस्वी वक्ता और धर्म गुरू रहे हैं।
राजस्थान के विराटनगर मठ में आचार्य धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया।
आचार्य धर्मेंद्र के परिजनों में धर्मपत्नी श्रीमती अर्चना शर्मा और दो पुत्र हैं।
विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष एवं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के महामंत्री चंपत राय जी ने दिवंगत आत्मा को अपनी भावभीनी श्रद्धांजली दी।
चंपत राय जी ने अपने शोक संदेश में कहा है – यह जानकर अत्यंत दुख हुआ कि पूज्य स्वामी आचार्य धर्मेंद्र जी महाराज का शरीर शांत हो गया।
अपने ओजस्वी शब्दों द्वारा समाज जागरण करने वाला व्यक्तित्व चला गया। उनके पास सदैव शब्दों का भण्डार रहता था।
लम्बे – लंबे वाक्य रचना करना उन्हें प्रभु से प्राप्त वरदान था। अपनी वाणी से सोए व्यक्तियों को जगा देते थे।
श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की अवधि में समाज जागरण में उनकी भूमिका सदैव उनकी याद दिलाती रहेगी।
मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए श्री परमात्मा के चरणों में विनम्र प्रार्थना करता हूं ।
भगवान अवश्य उन्हें अपने चरणों में निवास प्रदान करेंगे।
पदचिह्न टाइम्स।